[su_heading]शिक्षा के स्तर में सुधार लाने जन समुदाय की जागरूकता एवं सहभागिता जरूरी-संसदीय सचिव[/su_heading]
रायगढ़, 12 सितम्बर 2015/ डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान का जिले में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जनप्रतिनिधियों, की एक विशेष कार्यशाला आज यहां सृजन सभाकक्ष में आयोजित हुई। इस कार्यशाला में संसदीय सचिव श्रीमती सुनीति सत्यानंद राठिया, विधायक श्री रोशन लाल अग्रवाल, श्रीमती केराबाई मनहर एवं लालजीत सिंह राठिया, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अजेश पुरूषोत्तम अग्रवाल, जिला पंचायत के सदस्य, जनपदों के अध्यक्ष, रायगढ़ नगर निगम के पार्षदगण तथा रायगढ़ जनपद पंचायत के समस्त सदस्यों ने भाग लिया। इस कार्यशाला में शिक्षा गुणवत्ता अभियान के अंतर्गत शालाओं की ग्रेडिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए संसदीय सचिव श्रीमती सुनीति सत्यानंद राठिया ने कहा कि प्रत्येक स्कूल में बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले। अध्ययन-अध्यापन के स्तर में सुधार हो इस उद्देश्य को ध्यान में रखकर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान शुरू किया गया है। यह एक महत्वपूर्ण अभियान है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए समाज के लोगों की जागरूकता और सहभागिता जरूरी है। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों से अपने भ्रमण के दौरान अनिवार्य रूप से स्कूल में जाकर वहां की शैक्षणिक गतिविधियों का मुआयना करने की अपील की। श्रीमती राठिया ने ग्राम पेलमा की शाला में शिक्षकों की शालावधि में उपस्थिति सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से ग्रामीणों द्वारा अपनाई गई हिकमत अमली के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब गांव के लोग इस बात को ठान लेंगे कि उनके गांव के स्कूल में अच्छी शिक्षा-दीक्षा बच्चों को मिले तो व्यवस्था में अपने आप सुधार आ जाएगा।
कलेक्टर श्रीमती अलरमेलमंगई डी ने शिक्षा गुणवत्ता अभियान के उद्देश्य और शालाओं की ग्रेडिंग के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इसके जरिए शालाओं की वास्तविक स्थिति की जानकारी सामने लाने की पहल की गई है। यह अभियान गांव के स्कूल के शिक्षकों, पंच-सरपंच के कार्यशैली की समीक्षा का अभियान नहीं है। इससे न तो किसी को डरने की जरूरत है। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित जनप्रतिनिधियों से अपने-अपने ईलाके में शालाओं की ग्रेडिंग के लिए आयोजित होने वाली कार्यशाला में शामिल होने का आग्रह किया। श्रीमती मंगई डी ने बताया कि जिले की समस्त प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं की ग्रेडिंग के लिए 18 एवं 19 सितम्बर को वार्ड सभा एवं ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निम्न श्रेणी वाली शालाओं की व्यवस्था में सुधार के लिए अनुश्रवण की जिम्मेदारी जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा गुणवत्ता अभियान वास्तव में शासन प्रशासन, जनप्रतिनिधि एवं आम जनता की सहभागिता का अभियान है, इसका उद्देश्य शिक्षा की स्थिति को बेहतर बनाना है। कार्यशाला में जिला शिक्षा अधिकारी मनीन्द्र श्रीवास्तव ने इस अभियान के क्रियान्वयन के लिए जिले में की गई तैयारी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मास्टर टे्रनर श्री चन्द्रा ने शालाओं की ग्रेडिंग की प्रक्रिया, ग्रेडिंग के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्न तथा ग्राम सभा एवं वार्ड सभा के माध्यम से शालाओं की ग्रेडिंग के मूल्यांकन प्रारूप के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सी.एल.जायसवाल, जिला समन्वयक राजीव गांधी शिक्षा मिशन आर.के.देवांगन, सहायक संचालक दीप्ति अग्रवाल भी उपस्थित थे।