खरसिया – कुबार्नी का पर्व बकरीद शुक्रवार को मनाया गया। खरसिया में नमाज पढ़ी गई। मस्जिदों में बकरीद की विशेष नमाज पढ़ी गई और अमन-चैन की दुआ मांगी गई। मस्जिदों में नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दिए।
गुरुवार देर शाम तक बाजार में खरीदारी के साथ दावत ईद की दावत देने का दौर शुरू हो गया था। शुक्रवार तड़के से ही मुसलमान ईद के बंदोबस्त में लगे रहे। जामा मस्जिद के ऐलान के मुताबिक सुबह 9.30 बजे ईदगाह में नमाज पढ़ने शहर के सभी मुस्लिम भाई सलवार-कुर्ते, पैजामा-कुर्ते पहनकर और इत्र लगाकर एकत्रित हुए जहां नियत समय में सभी ने एक साथ अकीदत के साथ बकरीद की नमाज अदा की। मुस्लिम जमात के इस जश्न में सभी धर्म के लोग शामिल हुए और ईदगाह पहुंच उन्हें बधार्द दी। ईद के दिन फज्र की नमाज के बाद सभी ने रोजा खोला। मर्दों के नमाज को जाने के बाद औरतों और युवतियों ने घर में ही ईद की नमाज पढ़ी। यहां ईद का त्यौहार कौमी एकता के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू, सिख, ईसाई सभी इस दिन मुस्लिम भाईयों के जश्न में शामिल होते हैं और गले मिलकर उन्हें ईद की मुबारकबाद के साथ उनके दावतों में शामिल होते हैं। ईद के दिन आज दोपहर आसमान ने भी बादलों के साथ रिमझिम फूहारें बरसाकर लोगों को त्यौहार की मुबारकबाद दी। दिनभर शहर के मुस्लिम बाहुल इलाकों चांदनी चौक, मधुबन पारा, बीड़पारा, तुकार्पारा, मुस्लिम गंज सहित अन्य मोहल्लों में दावतों का दौर चलता रहा।