21 माह पहले लैलूंगा के भर्कुरा में हुई थी घटना
रायगढ़ – अपनी इज्जत बचाने के लिये पड़ोसी के घर शरण लेने वाली महिला से जबरन अनाचार करने के लगभग पौने दो साल पुराने मामले में फास्ट ट्रेक कोर्ट ने आज आरोपी को आजीवन कारावास और अर्थदण्ड से दंडित किया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि लैलूंगा थाना अंतर्गत ग्राम भर्कुरा निवासी श्रीमती कृष्णा बाई (बदला हुआ नाम) 35 वर्ष गत 8 दिसंबर 2013 की शाम लगभग 7 बजे गांव के बाहर दिशा मैदान के लिये गई हुई थी जब वह वापस अपने घर लौट रही थी इसी दौरान उस पर पहले से ही बुरी नियत रखने वाला शत्रुघन कलगा पिता शोभाराम कलगा उम्र 40 वर्ष उसे अकेली देखकर दौड़ाने लगा। जान तथा इज्जत जाने के भय से कृष्णाबाई भागते हुए गांव पहुंची और गांव के किनारे स्थित अपने पड़ोसी पालावती के घर में घुस गई और दरवाजा भीतर से बंद कर लिया मगर आरोपी शत्रुघन भी उसका पीछा करते हुए वहां पहुंचा और पालावती के घर का दरवाजा तोड़कर उसके घर में जबरन प्रवेश करते हुए कृष्णाबाई से न केवल जबरन अनाचार किया बल्कि तीसरे दिन 10 दिसंबर को गांव में बैठक बुलाये जाने पर आरोपी ने सार्वजनिक रूप से इस मामले की रिपोर्ट करने पर पीडि़ता को मार डालने की धमकी दी। इसके बावजूद पीडि़त प्रार्थिया द्वारा घरवालों से सलाह मशवरा कर 16 दिसंबर को लैलूंगा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई और पुलिस ने धारा 450, 376, 506 के तहत मामला पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार करते हुए न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी घरघोड़ा की अदालत में प्रस्तुत किया जहां से जेल भेजे जाने के बाद उक्त मामला पहले जिला न्यायालय में और फिर बाद में फास्ट ट्रेक कोर्ट में विचाराधीन था आज इस मामले में फास्ट ट्रेक कोर्ट के विद्वान न्यायाधीश योगेश पारिक ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद शत्रुघन कलगा को अनाचार का दोषी करार देते हुए विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास तथा डेढ़ हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। अर्थदण्ड न पटाने पर आरोपी को अतिरिक्त सश्रम कारावास से दंडित करने का प्रावधान है। इस प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक राज कुमार उपाध्याय ने पैरवी की है।
Image source – amar ujalaa