अपनी प्राचीनतम गौरवषाली भारतीय संस्कृति ‘‘ सा प्रथमा संस्कृतिर्विष्ववारा’’ का बोध कराना हमारा उद्देष्य हो – डाॅ0 रमेष टण्डन
संस्कृति भास्कर किताब आधारित महाविद्यालयीन स्तर की ‘भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा’ दिनांक 15 अक्टूबर 2015 को महात्मा गांधी शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय खरसिया में आयोजित हुई। इस उपलक्ष्य पर प्राचार्य डाॅ0 पी0 सी0 घृतलहरे ने कहा कि लोग अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे है, पर गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के द्वारा इस तरह की परीक्षा आयोजित कराकर भारतीय संस्कृति को विभिन्न स्तर के विद्यार्थियों के मानस पटल में पुनस्र्थापित किया जा रहा है। प्रो0 डाॅ0 रमेष टण्डन के अथक प्रयास से पिछले वर्ष महाविद्यालय का इस परीक्षा के लिए पंजीयन हुआ एवं 57 छात्र इस परीक्षा में सम्मिलित हुए। इन्होंने कहा कि इस परीक्षा का उद्देष्य मात्र परीक्षा प्रमाण पत्र प्राप्त करना नहीं बल्कि अपनी प्राचीनतम गौरवषाली संस्कृति ‘‘सा प्रथमा संस्कृतिर्विष्ववारा’’ का बोध कराना है। इस वर्ष पुनः 57 छात्र – छात्राएँ इस परीक्षा में सम्म्लिित हुए। प्रो0 रोमी जायसवाल ने परीक्षा संपादित कराने में भरपूर सहयोग प्रदान किया। इस परीक्षा को सम्पन्न कराने में गायत्री परिवार से परिजन पंचराम निषाद जी की महŸवपूर्ण भूमिका रही। इन्होंने समस्त परीक्षार्थियों को संस्कृति भास्कर नामक किताब उपलब्ध करायी साथ में परीक्षा में सम्मिलित समस्त छात्रों को ‘‘सफलता के सात सूत्र-साधन’’ नामक किताब भी वितरीत किया। इस किताब में विद्यार्थी के गुण का उल्लेख है। इसके अनुसार विद्यार्थी को सदाचारी, त्यागी, स्वस्थ, सृजनषील, सहकारी, विवेकषील, मितव्ययी, स्वअनुषासित, विनम्र, परोपकारी, संयमी, साहसी, धैर्यवान, चरित्रवान, नियमित, संवेदनषील, दूरदर्षी, आषावादी, आत्मविष्वासी, दृढ़निष्चयी और उत्साही होना चाहिए।
छात्र संघ अध्यक्ष भानुप्रताप राठिया , सचिव सागर सिदार , पदाधिकारी व कक्षा प्रतिनिधियों ने छात्रों को इस भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए प्रोत्साहित किया। अंजनी रत्नाकर, सरस्वती भास्कर, रविना राठौर, मनीषा राठौर, अष्वनी कुमार खटेल, सरोजदास महंत, जानकी जोषी समेत 57 छात्र – छात्राएँ इस परीक्षा के माध्यम से भारतीय संस्कृति से परिचय प्राप्त किया। इंटरनेट मोबाईल के युग में एवं पष्चिमी सभ्यता के हावी होने की परिस्थितियों में इस महाविद्यालय में इस तरह की परीक्षा का आयोजित होना सुखद पहल के साथ- साथ सुसंस्कारित व स्वर्णिम भविष्य का संकेत है। इस आयोजन में महाविद्यालय के प्रो0 डी0 के0 अम्ब्रेला, प्रो0 एम0 एल0 धीरही, डाॅ0 पी0 एल0 पटेल, प्रो0 सरला जोगी, प्रो0 मनोज कुमार साहू, प्रो0 अष्वनी पटेल, प्रो0 काष्मीर एक्का, डाॅ0 रविन्द्र चैबे, डाॅ0 सुषीला गोयल, सुरेन्द्र मेहरा, उमाषंकर टोण्डे, एल0 एस0 पोर्ते, लक्ष्मण सिदार, मदन मलहोत्रा, शौकीलाल बरेठ, अरूण कुमार, प्रेमसाय, संजय गुप्ता, राजकुमार साहु आदि का सहयोग सराहनीय रहा। छात्रों में दिग्विजय सिंह, बादल सिंह ठाकुर, प्रियंका मरकाम, जानकी बर्मन व कक्षा प्रतिनिधियों ने छात्रों को शुभकामनाएँ दी एवं इस तरह के आयोजन पर खुषी व्यक्त किया।