रायगढ़ – कलेक्टर श्रीमती अलरमेल मंगई डी ने आज दोपहर कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिले में अप्रेन्टिसशिप एक्ट तथा अपे्रन्टिसशिप प्रोत्साहन योजना का जिले में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिले के समस्त आईटीआई के प्राचार्यों एवं औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधियों को अप्रेन्टिसशिप एक्ट 1961 का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के साथ ही आईटीआई उत्तीर्ण युवाओं को अप्रेन्टिस के रूप में अपने-अपने संस्थानों में अनिवार्य रूप से नियुक्त करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने इस संबंध में औद्योगिक संस्थानों को उपलब्ध कराए गए सर्वे प्रपत्र में जानकारी 30 अगस्त तक नोडल अधिकारी एवं प्राचार्य आईटीआई रायगढ़ को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक औद्योगिक संस्थान में कार्यरत श्रमिक एवं अप्रेन्टिस की संख्या 7 अनुपात 1 होना अनिवार्य है।
कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने अप्रेन्टिसशिप प्रोत्साहन योजना के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना में इंजीनियरिंग एवं टेक्नालॉजी क्षेत्र के व्यवसाय वाले ऐसे औद्योगिक एवं वाणिज्यिक उपक्रम शामिल हो सकेंगे। इन संस्थानों में कार्यरत अप्रेन्टिस को उनकी मजदूरी का मात्र 50 प्रतिशत नियोक्ता को देना होता है, जबकि 50 प्रतिशत मजदूरी की राशि शासन वहन करती है। उन्होंने बताया कि एक वर्ष के अवधि वाले आईटीआई कोर्स के लिए अप्रेन्टिसशिप दो वर्ष की अवधि वाले आईटीआई कोर्स के लिए अप्रेन्टिसशिप की अवधि एक वर्ष की होगी।
कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने बैठक में जिले के समस्त आईटीआई प्राचार्यों से उनके संस्था में संचालित व्यवसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के बारे में विस्तार से पूछताछ की। आईटीआई प्राचार्यों को एसडीआई के तहत व्यवसायिक पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने बैठक में इस बात पर नाराजगी जताई कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा अपने सहयोगी औद्योगिक संस्थान के साथ समन्वय से कार्य नहीं किया जा रहा है। उन्होंने समस्त प्राचार्यों को एक सप्ताह के भीतर आईएमसी की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि इसमें विफल रहने वाले आईटीआई प्राचार्यों का अगस्त माह का वेतन रोके जाने की कार्रवाई की जाएगी। आईटीआई संस्थानों के सहयोगी औद्योगिक संस्थानों को भी कलेक्टर ने इस संबंध में पत्र जारी करने के निर्देश दिए। आईटीआई प्राचार्यों को संस्था के विकास के लिए दी गई राशि का उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने आईटीआई सरिया के प्राचार्य पर कामकाज में रूचि न लेने के कारण नाराजगी जताई तथा अपने संस्थान में वेल्डर का कोर्स शुरू कराने के निर्देश दिए। महिला आईटीआई रायगढ़ एवं तमनार आईटीआई में पेयजल की समस्या के निदान के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के साथ ही तमनार आईटीआई के सामने की मुख्य सड़क से संस्थान तक 300 मीटर सीसी रोड के निर्माण के संबंध में भी चर्चा की गई। बैठक में कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण व्ही.डी.बोपचे, उद्योग महाप्रबंधक जे.एस.नेताम, सहायक श्रम पदाधिकारी यू.के.कच्छप, जिला रोजगार अधिकारी प्रमोद जैन, नोडल अधिकारी आईटीआई के.एल.पटेल भी उपस्थित थे।