[aph] रायगढ़ : [/aph] गुरूकुल की प्रताडऩा से तंग आकर दो मासूम बच्चे भागकर रेलवे स्टेशन पहुंच गए। जहां उन्हें घूमते हुए देखकर कुछ लोगों ने आरपीएफ को सूचना दी। जहां दोनों बच्चों ने जो बताया वह स्कूल की व्यवस्था की पोल खोलने वाली थी। हालांकि बच्चों के घर दूर होने के कारण इन बच्चों को ले जाने के लिए गुरूकुल को सूचित किया गया।
[aph] योगेश्वर ध्रुव ने बताया कि [/aph] गुरूकुल से भागे दोनों बच्चों में एक बच्चा, जिसका नाम योगेश्वर ध्रुव, पिता सुकालु राम १४ साल ने बताया कि वह गेरवानी के पास शिवपुरी ग्राम स्थित परममित्र आर्स गुरूकुल विद्यापीठ में ९वीं का छात्र है। दो साल पहले उसे ओडि़सा के खरियार रोड स्थित गुरूकुल शाखा से यहां ट्रांसफर कर भेजा गया था। लेकिन इन दो सालों में मात्र एक बार उन्हें छुट्टी दी जाती थी। साथ ही स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों की पिटाई की जाती थी। उसने बताया कि स्कूल में न तो ठीक ढंग से इलाज हो पाता था और न ही समय पर सही खाना दिया जाता है।
[aph] कुछ यही कहानी योगेश्वर के साथ स्कूल से भागे जसवंत नेताम पिता चमार नेताम की है [/aph] उसने बताया कि हमारे पास पैसे नहीं है। लेकिन स्कूल में मन नहीं लगता है। दोनों बच्चे स्कूल की प्रताडऩा से तंग आकर मंगलवार सुबह ४ बजे अपने हॉस्टल से भागकर ऑटो के सहारे रेलवे स्टेशन पहुंचे। दोनों बच्चों ने बताया कि वे यहां से रायपुर जानेवाले थे। आरपीएफ थाने में मौजूद दोनों बच्चों की स्थिति देखने के बाद यह स्पष्ट समझा जा सकता था कि स्कूल में उनके जैसे बच्चों की स्थिति कैसी रहती होगी।
[toggle title=”नहीं मिला मां बाप का साथ” state=”open”]इन बच्चें ने बताया कि स्कूल की व्यवस्था को लेकर उन्होंने अपने परिजनों को सूचना दी थी। लेकिन उन्होंने उनकी बातों को अनसुना कर दिया। जसवंत नेताम का कहना है कि उसे नहीं मालूम की उसके परिजन अपने साथ क्यों नही रखना चाहते हैं, लेकिन हम स्कूल में नहीं रहना चाहते हैं। चूंकि दोनों बच्चे महासमुद्र और धमतरी जिले से संबंधित हैं और बच्चों के पास भी उनके परिजन का कोई नंबर नहीं है, इसलिए आपीएफ ने पूंजीपथरा थाने की मदद से गुरूकुल प्रबंधन को इसकी सूचना दी। जहां बताया कि गुरूकुल के कुछ लोग दोनों बच्चों को लेने के लिए आरपीएफ पहुंचे थे। [/toggle]