खरसिया – शासकीय महात्मा गांधी कॉलेज में बीते दिनों सामूहिक नक़ल कराये जाने को लेकर कॉलेज के छात्रों ने हंगामा मचाया था तब जाकर महाविद्यालय के क्लर्क मेहरा की पुत्री श्रीमती मीरा मेहरा के पास नक़ल पकडे जाने के बावजूद प्रकरण नहीं बनाये जाने पर हुए बवाल के बाद बड़े मुश्किल से नक़ल प्रकरण तो बनाया गया लेकिन इसमें सम्मिलित केंद्राध्यक्ष एवं कर्मचारियों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने की बजाय उसी कॉलेज के प्रोफेसरों की जांच कमेटी बनाकर मामले को रफा दफा कर दिया गया।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार गत दिनांक 13 अप्रैल को खरसिया महाविद्यालय में बतौर क्लर्क काम करने वाले सुरेन्द्र मेहरा की पुत्री श्रीमती मीरा मेहरा को एम् कॉम पुर्व की परीक्षा में नक़ल करते पकडे जाने के बावजूद परीक्षा नियंत्रक श्रीमती सुशीला गोयल के द्वारा नक़ल प्रकरण बनाने में आना कानी करते हुए आरोपी छात्रा को न सिर्फ बचाने का प्रयाश किया गया बल्कि उक्त छात्रा से जब्त किये गए नक़ल सामग्री को भी जब्त कर फेंक दिया गया था बाद में छात्रों के द्वारा हंगामा मचाने पर छात्रा के विरुद्ध तो नक़ल प्रकरण बना दिया गया लेकिन पुरे मामले की जांच के लिए 3 प्रोफ़ेसरों की कमेटी बनाई गई थी जिसमे प्रोफेसर पी एल पटेल, प्रोफसर धीरहि, प्रोफ़ेसर सरला जोगी थे। उक्त जांच कमेटी के द्वारा नक़ल पकड़ाए जाने पर छात्रा मीरा मेहरा के विरुध्द प्रकरण पंजीबद्ध करने का प्रतिवेदन तो दिया गया लेकिन नक़ल के दौरान लापरवाही बरतने वाली प्राध्यापक डॉक्टर श्रीमती सुशीला गोयल एवं परीक्षा हाल से क
4 छात्रों की उत्तर पुस्तिका गायब होने के मामले में दोषी केंद्राध्यक्ष डॉक्टर श्रीमती रविन्द्र चौबे के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई न ही आईएम बिंदुओं पर जांच की गई। चूँकि जांच कमेटी में सम्मिलित प्रोफ़ेसर धीरहि एवं प्रोफ़ेसर पटेल स्वयं उसी कॉलेज में बतौर केंद्राध्यक्ष कार्यरत हैं ऐसे में उनके द्वारा किये गए जांच पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। छात्र संगठनो ने मांग की है की इस मामले में एनी कॉलेज के प्राध्यापकों की स्वंतंत्र जांच कमेटी बनाकर निस्पक्ष जांच कराइ जाए एवं दोषी प्राध्यापकों पर कड़ी कार्यवाही की जाए।
वर्शन – प्रोफ़ेसर पी एल पटेल – हमने जांच रिपोर्ट प्राचार्य महोदय को सौंप दी है। आगे की।कार्यवाही उनके द्वारा की जायेगी।