खरसिया। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रो के षासकीय उचित मूल्य दुकान से सार्वजनिक वितरण प्रणाली का आवष्यक खाद्य सामग्री गेहूं नहीं मिलने से नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रो के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के थाली से अब रोटी गायब हो चुकी है। जबकि सरकारी गोदामों में गेहूं का पर्याप्त भंडार है। किंतु न जाने क्यो सरकार क्षेत्र के गरीबो को गेहूं का वितरण नहीं कर रही है। वहीं छ.ग.षासन द्वारा आदिवासी अंचलो में चना का भी वितरण करती थी वह भी कई महिनों से षासकीय उचित मूल्य दुकानो में दिखाई नहीं दे रहा है।
विदित हो कि मंहगाई के कारण गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवार की भोजन की थाली से प्याज एवं दाल तो गायब है ही अब षासकीय उचित मूल्य दुकानो में गेहूं, चना, आयोडीन नमक जैसे आवष्यक खाद्य सामग्री के नहीं मिलने से रोजी मजदूरी कर अपने परिवार चलाने वालो के सामने रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है। आजकल षासकीय उचित मूल्य दुकान में चांवल एवं 1 किलो षक्कर एवं 1 लीटर मिट्टीेतेल दिया जा रहा है। जिससे गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार अब गेहूं की रोटी खाने में असमर्थ हो गये है। वहीं षासन द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित राषन दुकानो में राषनकार्डधारियों को कभी आधार कार्ड, कभी बैक खाता आदि की मांग की जा रही ह और यही प्रक्रिया बार बार दोहराने के कारण गरीबी रेखा वालो को भारी परेषानियों का सामना करना पड रहा है। जिससे आम आदमी षासन की इस योजना का लाभ लेने में दिक्कत महसूस करने लगे है।