रायगढ़ /तमनार। गरीबों के चावल पर डाका डालकर आदिवासी परिवारों के पेट पर लात मारी जा रही है। तमनार के उरबा गांव के सरपंच के रवैया से 3 सौ लोगों को राशन नहीं मिल रहा है। इससे परेशान को होकर गांव की महिलाओं ने सोमवार को कलेक्टोरेट पहुंच कलेक्टर को ज्ञापन देकर मामले की जांच कराने व राशन दिलाने की मांग की है। तमनार के उरबा गांव के सरपंच बसंती पति दयाराम की मनमानी के कारण स्थानीय रहवासी परेशान हैं। सरपंच पति के रवैये से ग्रामवासी त्रस्त हैं। बताया जा रहा है कि गांव के गरीबी रेखा के आदिवासी महिलाओं को राशन नहीं देने की बात सामने आ रही है। ग्रामीणों की माने तो करीब 3 माह से चावल नहीं दिया गया है। सरपंच के पास जाने पर वे ध्यान नहीं देते हैं। जिससे 3 माह से राशन नहीं मिला है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। वहीं राशन की मांग को लेकर करीब 50 से अधिक ग्रामीण महिला कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। इस मामले में ग्रामीणों ने जांच कर गरीबों को राशन दिलाने की मांग की है। कलेक्टोरेट ज्ञापन देने आई महिलाओं के राशन कार्ड देखने पर चौकाने वाला मामला सामने आया है। एक महिला के कार्ड में दिसम्बर तक चावल देकर कार्ड में एंट्री कर दी है। जबकि महिला का कहना है कि उसे जुलाई से सितम्बर तक चावल नहीं मिला है। वहीं एक दूसरी महिला के कार्ड में अक्टूबर तक एंट्री हो चुकी है। जबकि अक्टूबर माह आने में अभी 10 दिन बचा है। ग्रामीणों की माने तो गांव के सभी लोगों के राशन कार्ड की जांच करेगे तो सबके में दो से चार महिना की अधिक एंट्री दर्ज होगी। गांव की ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच पति गांव की महिलाओं से गाली गलौज करते हैं। वहीं शिकायत करने वालों को देख लेने की बात कही जाती है। सरपंच पति गांव में अपना राज चलाने की बात ग्रामीणों से कहते हैं।