खरसिया – गर्भवती महिला की मौत के बाद खरसिया सिविल अस्पताल की महिला डॉक्टर पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर अंबेडकर चौक में चक्काजाम किया गया। करीब 3 घंटे के जाम के बाद एसडीएम, सीएमओ और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा परिजनों को दी समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।
मामले के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार खरसिया थानाक्षेत्र के ग्राम घघरा निवासी शशीकला राठौर 21वर्ष पति भागवत राठौर को 26 जुलाई की रात लगभग 2 बजे प्रसव पीड़ा हुई। ऐसे में परिजनों ने महिला को संजीवनी वाहन द्वारा खरसिया के सिविल अस्पताल पहुंचाया। बताया जाता है कि प्रसव पीड़ित महिला को ड्यूटीरत डॉक्टरों ने बगैर उचित जांच किए रायगढ़ रिफर कर दिया। वहीं इस दौरान पीड़िता की पीड़ा भी बढ़ रही थी, जिससे महिला ने हास्पिटल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। इस प्रकार मौत की खबर सुन परिजन सकते में आ गए और उन्होंने खरसिया के अंबेडकर चौक में डॉक्टरों के विरोध में चक्काजाम कर दिया। बताया जाता है कि तकरीबन 3 घंटे तक धरना प्रदर्शन जारी रहा, जिससे खरसिया में सनसनी फैल गई। बहरहाल प्रशासनिक अधिकारियों के पहुंचने के बाद उनकी समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।
मृतिका की सास ने लगाया आरोप
मृतिका की सास जमुना बाई ने सिविल अस्पताल की डॉक्टर एल राजनाला और राकेश सिंह पर आरोप लगाते कहा कि जब रात दो बजे जब अपनी बहू को लेकर वह अस्पताल पहुंची तो डॉक्टर राजनमाला गहरी नींद में सोईं थी। ऐसे में उन्हें जगाया गया तो उन्होंने कहा कि उनकी नींद खराब की है, इसलिए वो उनकी बहू को अस्पताल में भर्ती नहीं करेंगी। साथ ही राकेश सिंह द्वारा भी इसी तरह की लापरवाही बरती गई थी।