जगदलपुर 14 फरवरी 2015
कृषि मण्डी निर्वाचन-2015 की प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी है। राज्य शासन द्वारा जिले की सभी मण्डी समितियों के निर्वाचन के लिए संबंधित जिला कलेक्टर को जिला निर्वाचन अधिकारी बनाया गया है। 16 फरवरी 2015 सोमवार से मण्डी निर्वाचन-2015 के तहत संभाग के सभी जिलों में मण्डी निर्वाचन हेतु रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी और अपील अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। मण्डी निर्वाचन की तैयारियों के संबंध में आज बस्तर संभाग के कमिश्नर श्री आर.पी.जैन की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में संभाग के सभी कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ मण्डी बोर्ड के सचिव और मण्डी बोर्ड के अधिकारीगण उपस्थित थे।
बस्तर संभाग में 11 कृषि मंडियों में निर्वाचन होंगे। प्रत्येक कृषि मण्डी के लिए एक अध्यक्ष, 10 कृषक प्रतिनिधि और एक व्यापारी सदस्य का निर्वाचन किया जाएगा। निर्वाचन के अन्तर्गत हर एक मण्डी क्षेत्र को 10 कृषक निर्वाचन क्षेत्रों में बांटा जाएगा। मण्डी क्षेत्रों की जनसंख्या के अनुरूप वार्डों का अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग सहित महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण भी होगा। मण्डी अध्यक्ष का चुनाव कृषक एवं व्यापारी मतदाताओं द्वारा प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रक्रिया के अनुसार होगा।
बैठक में कमिश्नर श्री जैन ने कहा कि ये निर्वाचन छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 (यथा संशोधित तथा छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी (मण्डी समिति का निर्वाचन) नियम 1997 (यथा संशोधित) के तहत कराये जाएंगे। इसके लिए मण्डी बोर्ड से मार्गदर्शी निर्देशों भी प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि संभाग के कुछ मण्डी क्षेत्रों में परिसीमन का कार्य कराया गया है। जिन मण्डियों में परिसीमन का कार्य नहीं हुआ है, वहां पिछले मण्डी चुनाव के चक्रानुक्रम में आरक्षण होगा। उन्होंने बताया कि निर्वाचन के पहले मतदाता सूची अद्यतन की जाएगी। कृषक मतदाताओं की अर्हताओं में वर्ष 2011 में आंशिक संशोधन किए गए हैं। उन्होंने कृषक मतदाताओं के लिए वर्तमान अर्हताओं की जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें राजस्व या वनग्राम के भू-अभिलेखों में न्यूनतम आधा एकड़ कृषि भूमि का भूस्वामी पट्टा या पट्टेदार होना आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि अनुसूचित जाति और अन्य परम्परागत वननिवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के अधीन सत्वधारक भी मतदाता होंगें।
बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन बोर्ड रायपुर से आए कार्यपालन अभियंता श्री एस.राय तथा संयुक्त संचालक मण्डी बोर्ड श्री ए.के.कुम्बज ने बताया कि अध्यक्षों के आरक्षण की कार्यवाही प्रबंध संचालक स्तर पर होगी। मण्डी बोर्ड के प्रावधानों के अनुसार एक व्यक्ति अध्यक्ष एवं सदस्य के लिए एक साथ चुनाव नहीं लड़ सकता। बैठक में बताया गया कि संभाग के 11 मण्डी समितियों का निर्वाचन किया जाएगा। इसमें से बस्तर जिले के जगदलपुर सहित उत्तर बस्तर कांकेर में चारामा, कांकेर और सम्बलपुर तथा कोंडागांव जिले की केशकाल एवं कोंडागांव, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा के गीदम और सुकमा जिले के कोंटा की मण्डी क्षेत्र पूर्ववत हैं। उत्तर बस्तर कांकेर के पखांजूर की नयी मण्डी बनायी गयी है, जिसका निर्वाचन पहली बार होगा। नारायणपुर जिले के नारायणपुर और बीजापुर जिले के बीजापुर के मण्डी क्षेत्र का परिसीमन किया गया है। यह भी उल्लेखनीय है कि मण्डी क्षेत्र भोपालपटनम को बंद कर बीजापुर मण्डी क्षेत्र में शामिल किया गया है। नारायणपुर मण्डी क्षेत्र से पंखाजूर और अंतागढ़ तहसील को अपवर्जित कर इन दोनों तहसीलों के सभी राजस्व एवं वन ग्रामों के लिए पखांजूर में नयी मण्डी स्थापित की गयी है।
बैठक में बताया गया कि 24 फरवरी मतदाता सूचियों का प्रारूप तैयार किया जाएगा। 19 मार्च को मण्डी क्षेत्र का कृषक क्षेत्रों में विभाजन किया जाएगा तथा सूची का निर्माण किया जाएगा तथा 20 मार्च को निर्वाचन क्षेत्र की सूची का प्रकाशन किया जाएगा। 4 अप्रैल को सूची के संबंध में दावा आपत्ति प्राप्त की जाएगी तथा 10 अप्रैल को अंतिम सूची बनायी जाएगी। 16 अप्रैल 2015 को निर्वाचन क्षेत्रों की कुल जनसंख्या से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का प्रतिशत निकालकर इनके अवरोही क्रम में सूची तैयार की जाएगी। 17 अप्रैल को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए क्षेत्रों का आरक्षण तथा सूची का निर्माण किया जाएगा। 20 अप्रैल को क्षेत्रों के आरक्षण हेतु सूचना का प्रकाशन किया जाएगा तथा 28 अप्रैल 2015 को निर्वाचन क्षेत्रों के आरक्षण की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य मंे मण्डी चुनाव को देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन (मण्डी बोर्ड द्वारा) एक राज्य स्तरीय निर्वाचन सेल बनाया गया है। उन्होंने बताया कि मण्डी बोर्ड का वेबसाईट ूूूण्ेंउइण्बहण्हवअण्पद है तथा मण्डी चुनाव के लिए एक विशेष ई-मेल बहउंदकपमसमबजपवद2015/हउंपसण्बवउ भी बनाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मण्डी निर्वाचन की प्रक्रिया राज्य निर्वाचन द्वारा आयोजित की गयी चुनावी प्रक्रिया के समान ही होगी। उन्होंने जिला कलेक्टरों से यह भी कहा कि इस निर्वाचन कार्य में मण्डी सचिवों का पूरा-पूरा सहयोग रहेगा।