रायगढ़ में चक्रधर कथक केन्द्र की स्थापना की घोषणा
10 दिवसीय चक्रधर समारोह का भव्य शुभारंभ
रायगढ़, 18 सितम्बर 2015/ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज रायगढ़ के ऐतिहासिक चक्रधर समारोह का शुभारंभ करते हुए यहां चक्रधर कथक केन्द्र की स्थापना की विधिवत घोषणा की। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि इसके लिए राज्य शासन ने बजट में 50 लाख की राशि का प्रावधान किया है। चक्रधर कथक केन्द्र यहां के कला प्रेमी विद्यार्थियों के शिक्षण-प्रशिक्षण का एक जीवंत केन्द्र होगा। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि रायगढ़ की देश-दुनिया में पहचान बनी है। उसमें कला प्रेमी महाराजा चक्रधर सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कला और संगीत के क्षेत्र में रायगढ़ का नाम स्थापित किया है। चक्रधर समारोह के मंच पर प्रस्तुति के लिए देश के ख्याति प्राप्त कलाकार अपनी प्रस्तुति देने के लिए आतुर रहते है। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्रीय इस्पात एवं खनन राज्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने की।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने आगे कहा कि चक्रधर समारोह की ख्याति प्रदेश की सीमाओं को लांघकर देश-दुनिया में स्थापित हुई है। उन्होंने इसके लिए रायगढ़ की जनता को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह सब लोगों के जुड़ाव से संभव हो सका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रायगढ़ की पहचान स्थापित करने में यहां की पीढिय़ों का परिश्रम शामिल है। उन्होंने कहा कि चक्रधर समारोह का यह 10 दिवसीय उत्सव जन उत्सव की ओर बनने का अग्रसर है और इसका प्रयास भी आप सब कर रहे है। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने इस अवसर पर शिक्षा, साहित्य और कला के क्षेत्र में रायगढ़ को गौरवान्वित करने वाली विभूतियों का पूण्य स्मरण करते हुए स्व.राजा सुरेन्द्र प्रताप सिंह एवं जन कवि श्री आनंद सहाय शुक्ल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह स्व.राजा सुरेन्द्र प्रताप सिंह को नहीं भूल सकते। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने इस मौके पर केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सरल-सहज व्यवहार की भी सराहना की।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि इस साल छत्तीसगढ़ में अकाल की छाया है। कहीं-कहीं अवर्षा है। इसकी वजह से मन दुखी है। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि किसानों के लिए जो भी बेहतर हो सकेगा सरकार करेगी। किसानों को हर संभव मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने इस मौके पर रायगढ़ के विकास की भी सराहना की और कहा कि रायगढ़ विकास की एक लम्बी छलांग लगाने के लिए तैयार हो चुका है। यह शहर अपनी पहचान के साथ विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने इस मौके पर जन सामान्य से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा कि रायगढ़ जिले में लिंगानुपात के आंकड़ों को देखने पर यह पता चला है कि यह जिला बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा से भी पीछे है। रायगढ़ के लोग जागरूक और संस्कारित है। लिंगानुपात का कम होना चिंता का विषय है। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि बेटी देवी का रूप है। बेटियां दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी है। मां के रूप में हम इनकी वंदना करते है। समाज में बेटियों को गौरवपूर्ण स्थान मिले। बेटियां शिक्षित होकर आगे बढ़े, यह हम सबकी, पूरे समाज की विशेषकर पुरूष वर्ग की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कन्या भू्रण हत्या और गर्भपात को सामाजिक विकृति बताते हुए कहा कि जिस दिन हम सब अपने मन में ठान लेेंगे कि बेटियों को पैदा होने से नहीं रोकेंगे उस दिन गणेश चतुर्थी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना का पूरा पुण्य प्रताप हमारे जीवन में आ जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने समारोह में जिला प्रशासन द्वारा चक्रधर समारोह के 31 वें आयोजन के अवसर पर विशेष रूप से प्रकाशित पुस्तिका सूर-छंद-ताल के 31 बरस का विमोचन किया। कार्यक्रम में प्रस्तुति देने के लिए आई रायगढ़ घराने की प्रतिनिधि कलाकार श्रीमती यास्मीन सिंह एवं कला गुरू वेदमणि ठाकुर को स्मृति चिन्ह, शाल, श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि महाराजा चक्रधर सिंह ने गीत-संगीत, नृत्य कला और कलाकारों को संरक्षण देकर छत्तीसगढ़ राज्य को देश-दुनिया में गौरवान्वित किया है। कला और संगीत के संरक्षण व संवर्धन में महाराजा चक्रधर सिंह का अमूल्य योगदान है। उनकी स्मृति में आयोजित होने वाले इस दस दिवसीय समारोह की ख्याति देश-दुनिया में है। उन्होंने महाराजा चक्रधर सिंह को नमन करते हुए कहा कि उनके कला-प्रेम और साधना की वजह से कथक रायगढ़ घराना स्थापित हुआ।
सहकारिता, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री दयालदास बघेल ने कहा कि चक्रधर समारोह की अलग पहचान है। महाराजा चक्रधर सिंह गौरव पुरूष थे। उन्होंने रायगढ़ को देश के संस्कृति केन्द्र के रूप में स्थापित किया। वह कला साधक, विद्वान और संगीत शास्त्र के ज्ञाता थे। उन्होंने अनेक संगीत ग्रंथों की रचना की। कलाकारों को संरक्षण दिया। मंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महाराजा चक्रधर सिंह के सम्मान में कलाकारों को सम्मानित करने के लिए चक्रधर सम्मान स्थापित किया गया है। विधायक श्री रोशन लाल अग्रवाल ने भी समारोह को संबोधित किया। कलेक्टर श्रीमती अलरमेलमंगई डी ने अपना स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि दस दिनों तक चलने वाले गीत-संगीत के इस कार्यक्रम में गायन, वादन एवं नृत्य के शीर्षस्थ कलाकारों से लेकर नई पीढ़ी के प्रतिभाशाली फनकारों को मंच प्रदान किया गया है। पद्म विभूषण पं. जसराज, पदम विभूषण हरिप्रसाद चौरसिया, पदम विभूषण उस्ताद अमजद अली खॉ, पदम भूषण बेगम परवीन सुल्ताना, पद्मश्री अनुज शर्मा एवं निजामी बंधु इस वर्ष के विशेष आमंत्रित कलाकार है। उन्होंने इस मौके पर मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों एवं कला प्रेमियों का स्वागत करते हुए कहा कि रायगढ़ की कला प्रेमी जनता को यह महोत्सव समर्पित है।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने भगवान गणेश की विधिवत पूजा-अर्चना की और महाराजा चक्रधर सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें नमन करने के बाद दीप प्रज्जवलित कर 31 वें चक्रधर समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर संभागायुक्त श्री सोनमणि बोरा, आईजी श्री पवन देव, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नीलेश क्षीरसागर, अपर कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने मंचस्थ अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। आभार प्रदर्शन कुंवर देवेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में संसदीय सचिव श्रीमती सुनीति सत्यानंद राठिया, विधायक श्री रोशन लाल अग्रवाल, श्रीमती केराबाई मनहर, श्री लाल जीत सिंह राठिया, श्री उमेश पटेल, महापौर मधुबाई, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अजेश पुरूषोत्तम अग्रवाल, उपाध्यक्ष श्री नरेश पटेल, पूर्वमंत्री श्री शक्राजीत नायक एवं ओमप्रकाश राठिया, पूर्व विधायक श्री विजय अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में कला प्रेमी उपस्थित थे।