अब तक 14 करोड़ 20 लाख मत्स्य बीज उत्पादित
रायगढ़, 27 जुलाई 2015/ रायगढ़ जिले में चालू मत्स्य सीजन में मछली बीज उत्पादन का लक्ष्य पूर्णता की ओर है। अब तक जिले के 2 शासकीय चायनीज हेचरियों में 14 करोड़ 20 लाख मत्स्य बीज का उत्पादन हो चुका है। माह अक्टूबर तक मत्स्य बीज उत्पादन होता है। शेष समयावधि को देखते हुए यह उम्मीद है कि जिले में इस साल निर्धारित साढ़े 14 करोड़ मत्स्य बीज उत्पादन के लक्ष्य से अधिक लगभग 16 करोड़ मत्स्य बीज का उत्पादन हो सकेगा। इसके अलावा निजी क्षेत्र में भी बरमकेला विकास खण्ड के ग्राम जनकपुर के मत्स्य बीज उत्पादक कृषक यशवंत निषाद तथा सारंगढ़ बाबाकुटी के रहीमुल्लाह खान द्वारा क्रमश: 4 करोड़ एवं 3 करोड़ मत्स्य बीज का उत्पादन किया जा चुका है।
सहायक संचालक मछली पालन श्री एस.के.चौधुरी ने बताया कि रायगढ़ जिले में 2 चायनीज हेचरियां है। एक रायगढ़ के चांदमारी तथा दूसरी सारंगढ़ ब्लाक के छिंद में स्थित है। चांदमारी में 6 करोड़ स्पॉन उत्पादन के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 6 करोड़ 20 लाख मत्स्य बीज स्पॉन का उत्पादन किया जा चुका है। छिंद हेचरी में साढ़े 8 करोड़ मत्स्य बीज स्पॉन के उत्पादन के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 8 करोड़ 20 लाख मत्स्य बीज उत्पादित किया जा चुका है। इसी तरह स्टैण्डर्ड फ्राई मत्स्य बीज उत्पादन के लिए एक करोड़ 60 लाख का लक्ष्य जिले को मिला है, जो अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। जिले में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए पुसौर ब्लाक के केनसरा, घरघोड़ा के बहिरकेला एवं धरमजयगढ़ के धरमजयगढ़ कालोनी में मत्स्य संवर्धन प्रक्षेत्र केन्द्र संचालित है। उन्होंने बताया कि मत्स्य बीज स्पॉन / स्टैण्डर्ड फ्राई के तहत कतला, रोहू, मंृगल के मत्स्य बीज तैयार किए जाते है।
मत्स्य पालक कृषकों को शासकीय हेचरियों के माध्यम से विशेष अनुदान सहायता पर मत्स्य बीज दिए जाने की व्यवस्था है। सहायक संचालक श्री चौधुरी ने बताया कि मत्स्य पालन करने वाले कृषक को 2 हजार रुपए का मछली बीज क्रय करने पर शासन द्वारा 2 हजार रुपए का मछली बीज अतिरिक्त दिया जाता है। मत्स्य पालक कृषकों को 2 हजार रुपए में 10 हजार फिंगरलिंग (मत्स्य बीज) दिया जाता है।
रायगढ़ जिले में मत्स्य पालन एवं कारोबार की वृहद संभावना को देखते हुए इसके पालन के लिए कृषकों प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें प्रशिक्षण, मत्स्य आखेट के लिए नॉव एवं जाल तथा मत्स्य संवर्धन एवं बीमारियों से बचाव के लिए सिफेक्स नामक दवा नि:शुल्क दी जाती है। रायगढ़ जिले में कुल 4391 ग्रामीण तालाब है, जिनका जलक्षेत्र 4783 हेक्टेयर है। इन ग्रामीण तालाबों के 2500 हेक्टेयर जलक्षेत्र में मत्स्य उत्पादन किया जा रहा है। सिंचाई जलाशय की संख्या 58 है जिसमें से 47 सिंचाई जलाशयों में मत्स्य पालन हो रहा है। जिले में मत्स्य उत्पादन 20 हजार 500 मिटरिक टन प्रतिवर्ष है। 55 मछुआ सहकारी समितियां जिसकी सदस्य संख्या 1900 है। इन्हें मत्स्य पालन के लिए तालाब पट्टे पर उपलब्ध कराए गए है।