रायगढ – वन विभाग में हुए घोटाले व वन्य प्राणियों की मौत मामले को लेकर वन प्रबंधन समिति द्वारा डीएफओ को हटाने की मांग को लेकर वन विभाग के सामने धरना शुरू कर दिया है।
वन विभाग में हुए घोटालों के साथ वन्य प्राणियों की मौत के मामले पर संयुक्त वन प्रबंधन समिति के लोगों ने डीएफओ को हटाने की मांग को लेकर लामबंद हो गए है। जहां संयुक्त प्रबंधन समिति ने बुधवार को वन विभाग के सामने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। धरना कर रहे लोगों का कहना है कि जब से डीएफओ राजेश पांडेय ने पदभार ग्रहण किया, तब से उनकी कार्यशैली समझ के परे है। उनके इससे आफिस के कर्मचारियों के अलावा संयुक्त वन प्रबंधन समिति के लोगों पर गलत व्यवहार किया जा रहा है। वही उनके कार्यकाल में वन विभाग में कई घोटाले हुए हैं। पूर्व में मरवाही में पदस्थ होने के दौरान भी कर्मचारियों ने आंदोलन कर उनको हटाया था। ऐसे में यहां के कर्मचारी भी उनके कार्य से असंतुष्ट हैं। अतः इनको यहां से भी हटाने की मांग संयुक्त वन प्रबंधन समिति के लोग कर रहे है। वहीं मांग पूरा नहीं होने पर आंदोलन जारी रहने की बात कही जा रही है।
इन मांग को लेकर आंदोलन
संयुक्त प्रबंधन समिति के लोगों द्वारा इन मांग को लेकर हड़ताल शुरू की है। घरघोड़ा में स्टाप डेम के नाम पर गबन, शासकीय वाहन का निजी उपयोग मामला, वन्य प्राणियों के मौत का मामला, पेड़ों की अवैध कटाई, ऑनलाइन मजदूरों को भुगतान नहीं होना सहित कई मामले की जांच करने की मांग किया गया है।
आज से काली पट्टी लगाकर करेंगे काम
डीएफओ को हटाने की मांग को लेकर संयुक्त वन प्रबंधन समिति द्वारा किए जा रहे हड़ताल को कर्मचारी समर्थन कर रहे हैं। जहां वे गुरुवार को काली पट्टी लगाकर काम करेगें। वहीं सोमवार से क्र मिक भूख हड़ताल किया जाएगा।
आंदोलन या दबाव की रणनीति
कहा यह जा रहा है कि वन विभाग के कुछ अधिकारी जिन्हें अभी हाल में निलंबित किया गया, उनकी शह पर आंदोलन किया जा रहा है ताकि वन विभाग के अधिकारियों पर दबाव बनाकर निलंबन वापस कराया जा सके। हालांकि अधिकारी इस मामले में बहुत कुछ बोलने को तैयार तो नहीं हैं पर उनका कहना है कि एक बार और इसी तरह दबाव बनाने के लिए आंदोलन कराया गया था। उसका क्या हश्र हुआ सबको पता है।