रायगढ़ – तमनार ब्लॉक के गारे में उद्योग व भूमि अधिग्रहण से प्रभावित परिवारों की बैठक हुई। जिसमें मुख्य रूप से औद्योगिक घरानों द्वारा पर्यावरण नियमों की अनदेखी, सिलिंग एक्ट, भूमि अधिग्रहण बिल, पेसा एक्ट को क्षेत्र में लागू कराने को लेकर 122 गांव के ग्रामीण एकत्रित होकर अब आरपार की लड़ाई को लेकर तैयारियों की रूपरेखा तैयार करने मंथन किया। बैठक में आने वाले दिनों में एक विशाल रैली का आयोजन करने का बनाया गया प्लान।
तमनार ब्लॉक के प्रभावित ग्रामीण गारे-पेलमा, लाखा, मीलूपारा स्थित कोल ब्लॉक व औद्योगिक कल कारखानों द्वारा जिस तरह से नियम कानून को ताक पर रख कर प्रभावितों को छला जा रहा है। साथ ही पर्यावरणीय नियमों की अनदेखी कर ग्रामीणों को भयभीत करने का काम किया जा रहा है। ताकि ग्रामीण किसी तरह से गांव छोड़ कर भाग सकें और उनका रास्ता साफ हो सके। इसे लेकर ग्रामीण अब आरपार की लड़ाई का मन बना रहे हैं। 122 गांव के ग्रामीणों की बैठक में निर्णय लिया गया है कि जिस तरह से एसईसीएल ने लात खदान के प्रभावितों को न तो रोजगार दे रहा है और न ही पुनर्वास का लाभ दे रहा है। उसके खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा। इसके अलावा शासन द्वारा भूमि अधिग्रहण बिल व सिलिंग एक्ट को लेकर मोर्चा खोले जाने की रणनीति बनाई गई। इसमें आगे चलकर एक वृहद रैली करने का निर्णय लिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार रैली आने वाले दिनों में जल्द ही किए जाने पर विचार चल रहा है। भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर भी ग्रामीणों में जबरदस्त विरोध व रोष है। तमनार ब्लॉक चूंकि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है यहां पेसा एक्ट लागू है। लेकिन आज तक यहां पेसा एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं की गई। जिसे लेकर ग्रामीणों द्वारा अब उग्र आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई है। ग्रामीण पेसा एक्ट लागू कराने को लेकर गंभीर हैं और जल्द से जल्द यहां पेसा एक्ट लागू कराना चाहते हैं। ताकि गरीब किसान आदिवासी औद्योगिक घरानों से छलावे में न आ सके और उसे उसका पूरा लाभ मिलता है।