वृदावनवासिनी श्रीश्वरी देवी का होगा प्रवचन
रायगढ़ – मां चंद्रहासिनी देवी की नगरी चंद्रपुर में 14 से 25 जून तक दिव्य प्रवचन एवं रसमय संकीर्तन का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर विश्व के पंचम गुरू कृपालु महाराज की शिष्या वृन्दावनवासिनी श्रीश्वरी देवी के द्वारा प्रवचन किया जाएगा।
कार्यक्रम चंद्रहासिनी मंदिर के पास देवगुड़ी चंद्रपुर में 14 से 25 जून तक शाम 5.30 से रात्रि 8 बजे तक दिव्य सतसंग का आयोजन किया जा रहा है। श्रीश्वरी देवी कृपालू महाराज से जुडऩे से पहले वे शिक्षा पूर्ण क र चुकी थी। श्रीश्वरी देवी के प्रवचन में वेद, गीता, रामायण, भागवत, सहित धर्म ग्रंथो के प्रमाणों युक्त होता है। मानव जीवन में ही ईश्वर की प्राप्ति होती है। जिसका माध्यमों सत्संग के माध्यम से भी ईश्वर के साक्षात दर्शन एवं प्राप्ति पर प्रकाश डालेंगे तथा मानव देह का महत्व क्या है,जीव का परम लक्ष्य क्या है,जीव का परम-धरम लक्ष्य कैसे प्राप्त होगा, ईश्वर का स्वरूप क्या है,क्या हम ईश्वर को देख, जान, सोच-समझ एवं प्राप्त कर सकते हैं,भगवतकृपा किसे कहते हैं,अभी तक हमें ईश्वर प्राप्ति क्यो नही हुई,भगवत शरणागति का रहस्य क्या है,संसार का वास्तविक स्वरूप क्या है,वैराग्य किसे कहते हैं संसार से वैराग्य कैसे होगा,गुरू या महापुरूष किसे कहते हैं,महापुरूषों के धर्म विरूध्द आचरणों का क्या रहस्य है, ईश्वर प्राप्ति के कौन-कौन से मार्ग हैं, क्या कर्म- धर्म से ईश्वर प्राप्ति संभव है, क्या भक्ति भगवान से मिला सकती है,भक्ति तत्व का क्या रहस्य है,भगवान का ध्यान कैसे करें,गृहस्थ में रहते हुये भगवान की प्राप्ति का सर्वसाध्य सुगम और सरलतम उपाय क्या है, इन बिन्दुओं के माध्यम से जनमानस को ईश्वर की सारगर्भितता को बताया जायेगा। श्रीश्वरी देवी कहती है कि सत्संग के माध्यम से ही इस संसारिक जीवन में ईश्वर की प्राप्ति कर सक ते है।