रायगढ़ – बीआरजीएफ योजना अब बंद होने वाली है। योजना अंतर्गत लंबित कार्यों को पूर्ण करने शासन द्वारा 31 मार्च 2016 की डेड लाइन निर्धारित कर दी है। जिला प्रशासन के सामने जिले में लंबित 382 कार्यों को 8 माह में पूरा करना चुनौती पूर्ण होगा।
जिसमें 2013-14 के 137 कार्य तथा 14-15 के 245 कार्य शामिल हैं। दरअसल बीआरजीएफ योजना विशेष पिछड़े जिलों को विकसित करने लागू की गई थी । अब यह अंतिम चरणों में है। इससे कहीं न कहीं जिले के विकास में गेप फिलिंग का काम नहीं हो सकेगा। बीआरजीएफ योजना के बंद होने से न सिर्फ विकास कार्य अवरुद्ध होंगे, बल्कि योजना में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों के भविष्य पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है। जिले में बीआरजीएफ योजना की शुरुआत 2007-08 से हुई थी, उस समय योजना के तहत 13 करोड़ का काम मिला था। जो बढ़ते-बढ़ते 21 करोड़ तक पहुंच गया। योजना का मुख्य उद्देश्य पिछड़े जिले के विकासोन्मुखी कार्य को बढ़ावा देना था। योजना से विकास में बाधा बनने वाले कार्य पूरे किए जाते हैं। जिसकी वजह से योजना को गेप फिलिंग का काम करने वाली योजना भी कहा जाता है।
इसमें मुख्य रूप से पोषण, अधोसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, नागरिक अधिकार तथा आजीविका के संसाधन मुहैया कराना लाभप्रद रहा है। किन्तु अब इसके बंद हो जाने से कई तरह के विकास कार्य अवरुद्घ होने की चिंता सताने लगी है। योजना के तहत वर्तमान में छोटे-छोटे पुल पुलिया, आंगनबाड़ी केन्द्र, सहित अन्य ग्रामीण अधोसंरचना से संबंधित कार्य किए जा रहे हैं। जिले में योजना के तहत कुल मिलाकर 382 कार्य कराए जाने हैं। सभी को शासन स्तर पर 31 मार्च 2016 की स्थिति में पूर्ण होना चाहिए । अन्यथा रुके कार्य पर विराम लग जाएगा। यह जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगा। हालांकि इसके लिए फंड की कोई कमी नहीं है, योजना के तहत शेष काम को पूरा कराने के लिए जिला प्रशासन के पास 9 करोड़ रुपए जमा है।
विभिन्न विभागों के माध्यम से होते रहे कार्य
योजना के तहत जिले में विभिन्न विभागों के माध्यम से ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की जन सुविधाओं में बाधक बनने वाले कार्य को पूरा कराया जाता है। योजना के तहत महिला बाल विकास के आंगनबाड़ी केन्द्र भवन, अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में विभिन्न योजनाएं, जनपद पंचायत अंतर्गत ग्रामीण अंचलों में विकासोन्मुखी कार्य होते रहे हैं। अब भी ऐसे सभी विभागों में 382 विभिन्न कार्य लंबित हैं। जिसमें जनपद पंचायत, नगर पंचायत, आरईएस, छग ग्रामीण विकास अभिकरण अंतर्गत पुल-पुलिया व शासकीय भवनों का निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से पिछड़े क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था से संबंधित कार्य व जल संसाधन विभाग के माध्यम से स्टॉफ डेम निर्माण व मरम्मत के साथ मत्स्य उद्योग के माध्यम से पशु पालकों व मत्स्य व्यवसाय को बढ़ावा देने की योजनाएं संचालित हैं। इसके अलावा वन विभाग के माध्यम से दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों में भी विकास कार्य अब भी लंबित है।
पंचायतों में 243 तो नगरीय क्षेत्र में 39 काम
बीआरजीएफ योजना मद से जिले के 9 ब्लॉक के ग्रामीण अंचलों में 243 विकासोन्मुखी कार्य लंबित हैं, तो जिले के नगरीय क्षेत्र में 39 काम लंबित हैं। जिन्हें जिला प्रशासन को हर हाल में 31 मार्च के पहले-पहले पूरा करना होगा। ऐसे में जब 2013-14 में स्वीकृत 537 कामों में से 137 लंबित रहे हैं तथा वर्ष 14-15 वित्तीय वर्ष में स्वीकृत 359 कामों में से 245 कार्य अपूर्ण की स्थिति में हैं।
फैक्ट फाइल
वर्ष स्वीकृत पूर्ण अपूर्ण
2013-14 पंचायत 537 418 119
2013-14 नगरीय 29 11 18
2014-15 पंचायत 359 138 221
214-15 नगरीय 28 4 24
9 ब्लॉक में कुल लंबित – 243
नगरीय क्षेत्र में लंबित – 39
आरईएस में लंबित- 9 कार्य
ग्रामीण विकास संभाग अभिकरण में लंबित – 10
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में लंबित – 38 कार्य
छगराविवि मर्यादित में कुल लंबित – 32 कार्य
अक्षय ऊर्जा में लंबित – 6 कार्य