रायगढ़ – मौसमी बीमारियों के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार जून माह से अब तक सैकड़ों मरीज केवल उल्टी-दस्त के आ चुके है व इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। बरसात शुरू होने से पहले ही मीडिया ने इसको प्रमुखता से उठाया था। लेकिन इसकी सुध न तो स्वास्थ्य विभाग ने ली और न ही निगम प्रशासन ने। जब भी मीडिया निगम व स्वास्थ्य विभाग को उसकी जिम्मेदारियों का अहसास दिलाने की कोशिश की तो निगम प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने केवल औपचारिकता पूरी करते दिखी। अब भी ऐसा सार्थक कदम नहीं उठाया जा सका है जिससे लोगों को मौसमी बीमारियों से निजात मिल सके।
स्वास्थ्य विभाग व निगम प्रशासन दोनों ही मौसमी बीमारियों को लेकर अपनी नैय्या पार लगाने के चक्कर में दूसरों की लोटिया डूबा रहे हैं। निगम में सफाई को लेकर लगातार आंदोलन व ज्ञापन सौंपे जा रहा थे। लेकिन निगम किस जरूरी काम को निपटाने में लगा था। स्वास्थ्य विभाग भी केवल दौरा व सभी तैयारियां पूरी होने का दावा कर रहा है। बावजूद जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
कर्तव्यों से जी चुरा रहे अधिकारी
जिला अस्पताल में मौसमी बीमारों की संख्या 100 से पार हो चुकी है। जो दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बरसात शुरू होने के पहले से ही नगर में नालियां बजबजाने लगी थीं। नालियों का पानी सड़क पर फैल रहा था। सभी ओर गंदगी पसरी थी और लोगों ने इसकी शिकायत निगम से की, केवल वहीं कार्य कर निकलते गए। स्वास्थ्य विभाग भी शहर में हो रही बीमारियों को लेकर अपनी तरफ से न कोई अभियान चलाया और न ही इसके रोकथाम का प्रयास किया।
पीलिया का प्रकोप फैला-मोहल्ले आ रहे चपेट में
कुछ दिनों पहले तक पीलिया के प्रकोप व अन्य गंदे पानी की होने वाली बीमारियों से कई मोहल्ले चपेट में आ गए थे। इसके बाद भी निगम द्वारा जल स्त्रोतों का सही उपचार नहीं किया। चानवारी बेलादुला, दीनदयाल कॉलोनी, बैकुंठपुर में अभी तक गंदे पानी से होने वाली बीमारियों से पीड़ित मिल रहे हैं। लेकिन निगम इसको गंभीरता से नहीं ले रही है। स्वास्थ्य विभाग भी इस बारे में चुप्पी साधे है।