रायगढ़। अघोरेश्वर महाप्रभु के जन्मोत्सव को अनुयायियों ने महोत्सव के रूप में मनाने हेतु महान व अद्भुत शक्ति के अवतरण का पुण्य स्मरण करते हुए आज प्रात: जिला चिकित्सालय के मेल-फिमेल वार्ड, सर्जिकल वार्ड, मेडिसीन वार्ड, आर्थोपेडिक वार्ड, शिशु वार्ड, गायनिक वार्ड, कु पोषित बच्चों के वार्ड में मौजूद समस्त रोगियों के मध्य श्रद्धा भाव से फल वितरीत किया। इस दौरान सीएस डा. वाई.के. शिन्दे एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. आर.के. अग्रवाल की उपस्थिति भी रही। जिला चिकित्सालय के अलावा वृद्धाश्राम, कु ष्ठ आश्रम एवं उन्नायक सेवा समिति में मौजूद लोगों को भी अघोरेश्वर के जन्मोत्सव का स्मरण कराते हुए फल वितरीत किया गया। भगवान राम के स्थापित उद्देश्यों क ो पूरा करने के लिये संकल्पित अघोर गुरूपीठ ट्रस्ट बनोरा में जन्मोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने विभिन्न जिलों से आये भक्तजनों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 8.30 बजे आरती, 9.30 बजे तक सामुहिक गुरू गीता पाठ, 11.30 बजे तक सामूहिक हवन, 12 बजे से 2 बजे तक किया गया। प्रसाद वितरण अपरान्ह 3 बजे तक चलता रहा। इस दौरान प्रारंभ भजन मंडली द्वारा भक्ति-भजनों का गायन कार्यक्रम आर्शीवचन के पूर्व तक चलता रहा। सायंकाल 4.30 से प्रारंभ पूज्य अघोरेश्वर के आर्शीवचन पश्चात 6.30 बजे सामुहिक आरती संपन्न हुई। आर्शीवचन के पूर्व मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया तत्पश्चात व्यवस्थापक मंडल की ओर से आश्रम द्वारा चलाये जा रहे जनोपयोगी कार्यो की विस्तृत जानकारी दी गई एवं कई वक्ताओं ने अघोरेश्वर के जीवन से जुड़े संस्मरणों का स्मरण कराया। अघोरपंथ के अनुयाई पूरे देश-विदेश में फैले हुए है जो विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान बनोरा आश्रम में एकत्रित होकर स्थापित उद्देश्यों का स्मरण करते है। अघोर गुरूपीठ बनोरा अघोरेश्वर भगवान राम द्वारा स्थापित उद्देश्यों को पूरा करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। अघोरेश्वर महाप्रभु ऐसी व्यवस्था चाहते थे जिसके तहत समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े बेबश, बेसहारा, साधन विहिन लोगों को जीवन की मूल भूत आवश्यकता चिकित्सा एवं शिक्षा की नि:शुल्क व्यवस्था बिना व्यवधान के मिलती रहे। अघोरेश्वर के प्रिय शिष्य बाबा प्रियदर्शी राम के करकमलों से सन् 1992 में स्थापित अघोर गुरूपीठ ट्रस्ट बनोरा ग्रामीण क्षेत्र के साधन विहिन लोगों को न केवल नि:शुल्क शिविरों के जरीये उच्च स्तरीय चिकित्सा उपलब्ध करा रहा है, बल्कि समाज में राष्ट्रभक्ति व समाज सेवा का अलख जगाने में भी अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर रहा है।
[aph] संयोग कहे या चमत्कार [/aph] अघोरेश्वर का धरती पर अवतरण ऐसे विकट समय में हुआ जब अवर्षा से किसान व्यथित थे। विगत दिनों अवर्षा से यहां की स्थिति भी मिलती-जुलती थी। लंबे समय से अवर्षा से परेशान किसानों के लिये अघोरेश्वर का जन्मोत्सव खूशियों का पैगाम लेकर आया। इसे संयोग कहे या चमत्कार देर रात प्रारंभ झमाझम बारिश से पूरे क्षेत्र पानी से तरबतर हो गया और किसानों को राहत मिल गई।