रायपुर, 05 फरवरी 2015 राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ के स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात कम करने सहित बच्चों की पढ़ाई के लिए सुविधाएं बढ़ाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश के स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात राष्ट्रीय औसत के बहुत नजदीक पहुंच गया है। राष्ट्रीय अनुपात 25 बच्चों पर एक शिक्षक का है, जबकि छत्तीसगढ़ में प्राथमिक शालाओं में प्रत्येक 23 बच्चों पर और उच्च प्राथमिक (मिडिल) स्कूलों में 24 बच्चों पर एक शिक्षक की व्यवस्था हो गयी है। इसी तरह राज्य में आज भी बच्चों की सर्वाधिक 83 प्रतिशत दर्ज संख्या सरकारी स्कूलों में है।
[pullquote-left]प्रदेश में सर्वाधिक 83 प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूलों में[/pullquote-left]
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य में यह वर्ष शिक्षा-गुणवत्ता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान स्कूलों में शिक्षकों की संख्या बढ़ाने के लिए युक्ति-युक्तकरण की योजना पर भी अमल किया गया है। श्री कश्यप ने एक समाज सेवी संस्था ‘असर’ के प्रतिवेदन का उल्लेख करते हुए कहा- स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात कम करते हुए राज्य शासन द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि प्रत्येक स्कूल में राष्ट्रीय औसत के अनुरूप शिक्षकों को व्यवस्था हो। स्कूलों में अधोसंरचना बढ़ाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। श्री कश्यप ने बताया कि वर्ष 2010 में राज्य में केवल 79 प्रतिशत स्कूलों में ही कार्यालय, स्टोर कक्ष अथवा कार्यालय-सह स्टोर कक्ष की व्यवस्था थी। वर्ष 2014 में यह आंकड़ा बढ़कर 82.3 प्रतिशत हो गया। इसी तरह वर्ष 2010 में राज्य में सिर्फ 45 प्रतिशत स्कूलो ंमें खेल मैदान की सुविधा थी, जबकि वर्ष 2014 तक यह बढ़कर 64.2 प्रतिशत हो गयी।
[pullquote-left]लगभग 90 प्रतिशत स्कूलों में पेयजल सुविधा, 92 प्रतिशत स्कूलों में शौचालय और 93 प्रतिशत स्कूलों में किचन शेड तैयार[/pullquote-left]
उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण के अनुसार चार वर्ष की इस अवधि में राज्य में चहारदीवारी (बांऊड्रीवाल) की सुविधा वाले स्कूलों की संख्या 48.8 प्रतिशत से बढ़कर 60.8 प्रतिशत हो गयी। इसी अवधि में प्रदेश के स्कूलों में बच्चों को शौचालय और पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए भी राज्य शासन द्वारा विशेष अभियान चलाया गया। इस अभियान के फलस्वरूप राज्य में पेयजल सुविधा से परिपूर्ण स्कूलों की संख्या 82 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 90 प्रतिशत तक पहुंच गयी है। इसके अलावा लगभग 92 प्रतिशत स्कूलों में वर्ष 2014 तक शौचालयों की व्यवस्था कर दी है, जबकि चार वर्ष पहले यह प्रतिशत केवल 71 के आसपास था। मध्यान्ह भोजन योजना के तहत स्कूलों में रसोई की सुविधा के लिए किचन शेड भी बनवाए जा रहे हैं। वर्ष 2010 में जहां 86 प्रतिशत स्कूलों में किचन शेड की व्यवस्था थी, वहीं वर्ष 2014 तक यह बढ़कर लगभग 93 प्रतिशत हो गयी।