रायगढ़, 27 जुलाई 2015/ जिले के लैलूंगा ब्लाक में सामुदायिक स्वच्छता कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने तथा ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित कर गांव को खुले में शौच से मुक्त गांव बनाने की उद्देश्य से स्वच्छता दूतों को 5 दिनों का विशेष आवासीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान ग्रामीणों को इस अभियान से जोडऩे के लिए स्वच्छता दूतों को इसके तौर-तरीके भी बताए गए। यह प्रशिक्षण 20 जुलाई से 25 जुलाई तक जनपद पंचायत लैलूंगा के सभागार में आयोजित हुआ। प्रथम दो दिन तक स्वच्छता दूतों एवं साक्षरता के प्रेरकों को गहन प्रशिक्षण देने के बाद दो दिन तक गांवों का बिजिट कराया गया। प्रशिक्षण के पांचवे दिन फालोअप के अंतर्गत स्वच्छता दूत खुले में शौच मुक्त गांव तिलाईदरहा पहुंचे तथा वहां ग्रामीणों द्वारा स्वस्र्फूत रूप से स्वयं के खर्चे पर बनाए गए शौचालय का अवलोकन किया।
प्रशिक्षण का शुभारंभ जनपद पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती शांता साय, उपाध्यक्ष मनोज अग्रवाल एवं स्वच्छता समिति की सभापति श्रीमती शंकुतला भगत तथा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस.सी.कछवाहा ने किया। श्रीमती शांता साय ने स्वच्छता दूतों को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों की सदियों पुरानी खुले में शौच जाने की आदत से छुटकारा दिलाने का कार्य अपने आप में परिवर्तन का कार्य है। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान बताई जा रही बातों को ध्यान से सुनने तथा ग्रामीणों को स्वच्छता अपनाने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने की बात कही। मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कछवाहा ने स्वच्छता शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाला कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि खुले में शौच करने से कई तरह की बीमारियां होती है। डायरिया, पीलिया, पोलियो जैसी बीमारी का प्रमुख कारण ही गंदगी और खुले में शौच करना है। खुले में किया गया शौच किसी न किसी रूप में घूम-फिरकर व्यक्ति के खाने और पीने में शामिल होता है। खुले में शौच की आदत पर यदि विराम लग जाए तो लोग सैकड़ों की तरह की बीमारियों से बच सकते है। वातावरण भी बेहतर होगा।
प्रशिक्षण के दौरान मास्टर टे्रनर दुर्गा शंकर नायक, शेखर मालाकार, हेमंत उरांव, मुरलीधर पैकरा, राजेश कर्ण ने अलग-अलग बिन्दुओं पर साक्षरता प्रेरकों एवं स्वच्छता दूतों को गहन प्रशिक्षण दिया। इसके बाद प्रशिक्षणार्थियों का अलग-अलग दल दो दिनों तक मास्टर टे्रनर के साथ अलग-अलग गांवों में जाकर ग्रामीणों से स्वच्छता के संबंध में विस्तार से चर्चा की और खुले में शौच जाने से होने वाले नुकसान तथा इसको बंद कर देने से होने वाले स्वास्थ्यपरक लाभ के बारे में जानकारी दी। स्वच्छता दूत फालोअप के तहत पांचवे दिन खुले में शौच मुक्त गांव तिलाईदरहा पहुंचे। यह गांव बिना किसी शासकीय मिशनरी के मार्गदर्शन व मदद के खुले में शौच मुक्त हुआ है। तिलाईदरहा के लोगों ने समीपस्थ ग्राम गहिरा को खुले में शौच मुक्त ग्राम बनने से प्रेरित होकर वैसे ही शौचालय अपने-अपने घरों में स्वयं की राशि से बनवाए है। तिलाईदरहा के पंच भोगसिंह राठिया ने यहां स्वच्छता दूत की भूमिका अदा करने के साथ ही ग्रामीणों को अपने-अपने घरों में शौचालय का निर्माण कराने और इसका उपयोग करने के लिए प्रेरित किया था।