रायगढ़ । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशन में रायगढ़ सहित समस्त विकास खण्डों में विश्व दृष्टि दिवस मनाया गया। इसी तारतम्य में 8 अक्टूबर को पूर्व माध्यमिक शाला उर्दना में श्री राजेश आचार्या एवं एस.डी.गुप्ता तथा ललित पाठशाला रायगढ़ में जितेन्द्र डनसेना एवं चंद्रशेखर साहू द्वारा 276 विद्यार्थियों का नेत्र परीक्षण किया गया। जिसमें दृष्टि दोष के 12 बच्चे एवं 2 बच्चे रतौंधी रोग से पीडि़त पाए गए। नेत्र सहायक अधिकारी ए.के.बेहरा द्वारा पूर्व माध्यमिक शाला उर्दना में उपस्थित विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को नेत्र रोग के बारे में एवं नेत्र सुरक्षा के उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर माध्यमिक शालाओं के समस्त शिक्षकों का सराहनीय योगदान रहा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने सभी लोगों को प्रत्येक 6 माह में अपने आंखों की जांच नेत्र रोग विशेषज्ञ से कराने कहा है। रतौंधी से बचने के लिए हरे पत्तेदार सब्जी जैसे गाजर, कद्दू, मुनगा, दूध, अण्डा, मछली आदि आहार लेने, मोतियाबिंद आपरेशन पश्चात धुल एवं धुंआ से बचे एवं नियमित चश्में का उपयोग करें। ग्लाकोमा से बचने के लिए चालीस वर्ष उम्र के बाद व्यक्ति को अपने आंखों की जांच नेत्र विशेषज्ञ से कराने कहा है। इसी तरह ड्राई आई सिन्ड्रोम से बचने के लिए लगातार अधिक देर तक लिखने-पढऩे व कम्प्यूटर पर काम ना करें। मधुमेह रोगी को 6 माह में अपने आंख के परदे की जांच नेत्र विशेषज्ञ से अवश्व कराए। आंखों का जलने / झुलसने या अम्ल क्षार गिर जाने पर आंखो को तुरंत शीतल जल से धोने, आंखों को नुकीली चीज, गिल्ली-डंडा की चोट से बचाने, लेटकर एवं कम रोशनी में ना पढ़े। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन सुबह घास पर खाली पांव चलने, नेत्रदान करें ताकि योग्य व्यक्तियों का कॉर्नियां प्रत्यारोपण करके प्रकृति को देखने का अनमोल तोहफा मिल सके।