लगभग डेढ़ लाख रुपये के फर्नीचर का है मामला,
जनपद के जगह एसडीएम कार्यालय में फर्नीचर आपूर्ति!
रायगढ़ – सारंगढ़ जनपद पंचायत के पूर्व सीईओ बेदराम साहू ने एक ऐसे बिल का भुगतान कर दिया है जिस सामान की आपूर्ति जनपद पंचायत कार्यालय में की ही नही गई है। सूत्र बताते है कि उक्त सामान को किसी दूसरे कार्यालय में शिफ्ट कर दिया गया है। इसके बावजूद गजब की बात यह है कि इस अनोखे मामले में बकायदा जनपद पंचायत में नोटशीट भी चलाया गया है और चेक से भुगतान भी किया गया है।
सारंगढ़ जनपद पंचायत मे बीते वर्ष 20 मई 2014 को रायगढ़ के फर्नीचर दुकान अंजता फर्नीचर को जनपद पंचायत सारंगढ़ के द्वारा फर्नीचर खरीदी के एवज मे 1 लाख 22 हजार रुपये का भुगतान किया गया। उक्त भुगतान तात्कालिन प्रभारी सीईओ बेदराम साहू के आदेश और हस्ताक्षर से जारी किया गया। इस फर्नीचर दुकान को चेक भुगतान के लिये जनपद पंचायत मे बकायदा नोटशीट भी चला तथा जिसमे स्पष्ट अंकित किया गया है कि फर्नीचर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सारंगढ़ के कार्यालय के लिये खरीदा गया है किन्तु बिल मुख्य कार्यापालन अधिकारी जनपद पंचायत सारंगढ़ के नाम से जनपद पंचायत सारंगढ़ को दिया गया है। किन्तु फर्नीचर प्राप्ती के संबंध मे कोई भी पावती नही है तथा ना ही किसी प्रकार से अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय सारंगढ़ को फर्नीचर उपलब्ध कराने संबंधी कोई पावती है। ऐसे नोटशीट जिसमे स्पष्ट उल्लेख है कि जनपद पंचायत सारंगढ़ को कोई भी फर्नीचर उपलब्ध नही कराया गया है उसके बाद भी तात्कालिन सीईओ बेदराम साहू ने 22 मई 2014 को अंजता फर्नीचर रायगढ़ को 1लाख 22 हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश जनपद पंचायत के संबंधित शाखा को प्रदान कर दिया जिसके आदेशानुसार अजंता फर्नीचर रायगढ़ को चेक क्रमांक 366787 20 मई 2014 को भुगतान कर दिया गया। खास बात यह है कि जनपद पंचायत के संबंधित नोटशीट मे फर्नीचर प्राप्त होने के संबंध में कोई भी जिक्र नही है।
क्या उल्लेख है इस फर्नीचर खरीदी में!
सारंगढ़ जनपद पंचायत के द्वारा 22 मई 2014 को अंजता फर्नीचर रायगढ़ को जिस बिल का भुगतान किया गया वास्तव मे वह बिल 17 मार्च 2014 को जनपद पंचायत सारंगढ़ के सीईओ के नाम से दिया गया था किन्तु फर्नीचर साम्रगी की खरीदी तथा आपूर्ति के संबंध मे कोई जानकारी नही होने के कारण से बिल का भुगतान नही हो पाया । बाद मे 22 मई 2014 को बिल का भुगतान संबंधित फर्म को कर दिया गया। इस मामले मे ख्ुालासा हुआ है कि नोटशीट मे बकायदा यह लिखा है कि सामान जनपद पंचायत सारंगढ़ मे नही आया है बल्कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सारंगढ़ के कार्यालय मे आया है। इस बिल में आफिस टेबल 48 हजार रुपये का, साईड टेबल 22 हजार रुपये का, कान्फ्रेस टेबल 46 हजार रुपये का तथा टेबल ग्लास 6 हजार रुपये का है। कुल 122000 रुपये का साम्रगी का विवरण बिल मे है तथा चेक क्रमांक 366787 के द्वारा अंजता फर्नीचर रायगढ़ कों भुगतान किया।
चेक का भुगतान 20 मई को नोटशीट चला 22 को!
इस पूरे प्रकरण मे खास बात यह है कि तात्कालिन सीईओ बेदराम साहू ने 20 मई 2014 को ही अंजता फर्नीचर रायगढ़ को चेक क्रमांक 366787 के द्वारा 122000रुपये का भुगतान कर दिया था संबंधित शाखा को नोटशीट चलाने का आदेश दिया था जिसके तारतम्य मे 22 मई 2014 को नोटाीट लिखा गया है और चेक भुगतान का आदेश सीईओ बेदराम साहू ने प्राप्त किया गया है किन्तु भुगतान पूर्व से ही फर्म को कर दिया गया है। जिससे साफ दिख रहा है कि बिना फर्नीचर आये अंजता फर्नीचर रायगढ़ को सेटिंग के तहत को बिल का भुगतान कर दिया गया है।
बिना टेंडर व बिना अनुमति के फर्नीचर खरीदी!
जनपद पचंायत सारंगढ़ के तात्कालिन सीईओ बेदराम साहू ने 122000 रुपये का फर्नीचर का भुगतान के लिये ना तो जनपद पंचायत सारंगढ़ के सामान्य प्रशासन से अनुमोदन प्राप्त किया है और ना ही शासन के क्रय भंडार नियम का पालन किया है। केवल और केवल अंजता फर्नीचर के 17 मार्च 2014 के एक बिल को लेकर नोटशीट चला दिया गया और रातोरात भुगतान कर दिया गया। वही सूत्रो की माने तो एसडीएम कार्यालय में किसी प्रकार से फर्नीचर का आपूर्ति अंजता फर्नीचर रायगढ़ के द्वारा नही किया गया है। इस कारण से फर्नीचर की बिना आपूर्ति के ही बिल का भुगतान होने का अंदेशा है तथा व्यापक गोलमाल हुआ है।