[aph]रायगढ़ [/aph] कभी बारह महीनो साफ-सुथरे पानी से लबालब भरा रहने वाला शहर का सबसे बड़ा तालाब अब बेजा कब्जो के कारण अब अपने मूल आकार से आधा रह गया है और उचित रख-रााव नहीं होने के कारण शुरूवाती गर्मी में ही सूख कर सपाट मैदान बन जाता है जहां आस-पास के मोहल्लो के बो क्रिकेट खेलते हैं।
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[aps] राज परिवार का रियासत कालीन बाघ तालाब कभी शहर का सबसे बड़ा तालाब था. इस तालाब में बारहों महीने लबालब साफ-सुथरा पानी भरा रहता था। गर्मियों में जब केलो नदी में बहुत कम पानी रहता था तब आस-पास के मोहल्ले के हजारो लोग बाघ तालाब से ही अपनी निस्तारी जरूरत पूरी करते थे। [/aps] वर्षो पहले तत्कालीन नगर पालिका प्रशासन ने इस तालाब में बोर चलाने की भी एक योजना शुरू की थी लेकिन गर्मियों में तालाब का पानी कम हो जाने पर लोगों ने तालाब की जमीन पर घर बनाकर कब्जा करना शुरू कर दिया नतीजे में तालाब का रकबा सिकुड़ता गया, आज स्थिति यह है कि तालाब के आधे से यादा हिस्से पर छोटे बड़े कई मकान बन गये है, तालाब की गहराई भी काफी कम हो गई है यही वजह है शुरूवाती गर्मी में ही बाघ तालाब सूख कर मकान बन जाता है, कहा जा रहा है कि तालाब में पानी न भरे इसके लिये तालाब के एक कोने में बड़ा सा होल बना दिया गया है अगर यही आलम रहा तो आने वाले वर्षो में शहर के दूसरे कई तालाबो की तरह बाघ तालाब का भी अस्तित्व समाप्त हो जायेगा और उसकी जगह एक और पॉश कॉलोनी खड़ी हो जायेगी, बाघ तालाब का नाम इस शहर के इतिहास के एक पन्ने में दर्ज हो जायेगा।