- Source – Bhaskar news
रायपुर. राजधानी में बुधवार को स्वाइन फ्लू से ग्रामीण महिला की मौत हो गई। हफ्तेभर पहले लालपुर के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालत बिगड़ने पर शाम को उसे अंबेडकर अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन महिला ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। अंबेडकर अस्पताल में जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया।
महिला आरंग के पास एक गांव की रहनेवाली थी। उसे निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, तभी डाॅक्टरों को स्वाइन फ्लू का शक हो गया था। उसके स्वाब का सैंपल दिल्ली की लाल पैथालॉजी लैब भेजा गया था। तीन दिन पहले उसकी रिपोर्ट में स्वाइन फ्लू पाॅजिटिव निकला। उसका इलाज शुरू किया गया। वह गर्भवती भी थी। बीमारी के दौरान बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गई।
डाॅक्टरों ने उसे सर्जरी करके निकाला। इसके बाद भी महिला की हालत लगातार बिगड़ती गई। निजी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे ने बताया कि युवती को उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के आग्रह पर अंबेडकर अस्पताल रिफर किया गया था। उधर, स्वाइन फ्लू से पीड़ित रिटायर्ड कर्नल की हालत सुधर रही है। उनका इलाज भी निजी अस्पताल में चल रहा है। इलाज करनेवाले डॉ. आलोक स्वाइन ने बताया कि मरीज स्वस्थ हो रहे हैं।
आमतौर पर सूअर व्यवसाय में लगे लोगों को
देखा यह गया था कि जो लोग सूअर पालन के व्यवसाय में हैं और लंबे समय तक सूअरों के संपर्क में रहते हैं, उन्हें स्वाइन फ्लू होने का जोखिम ज्यादा रहता है।
अस्पताल स्टाफ आशंकित
स्वाइन फ्लू पीड़ित महिला को बुधवार की शाम सवा सात बजे अंबेडकर अस्पताल लाया गया। तब तक किसी को पता नहीं था कि महिला स्वाइन फ्लू से पीड़ित थी। डाॅक्टर, स्टाफ तथा इंटर्न ने उसकी जांच सामान्य मरीज की तरह की। उसे मृत घोषित किया गया। इसके बाद अंबेडकर अस्पताल के स्टाफ को पता चला कि महिला स्वाइन फ्लू से पीड़ित थी।
चूंकि स्वाइन फ्लू के मरीज से संक्रमण का खतरा मृत्यु के बाद भी रहता है, इसलिए अस्पताल का स्टाफ आशंकित है।
>13 फरवरी 2010: एचटीपीपी दर्री की 49 वर्षीय पूर्णिमा देवी की अपोलो में मौत।
>16 अगस्त 2010: बिलासपुर के अब्दुल गफूर की अपोलो हॉस्पिटल में मौत।
>21 अगस्त 2010: मसानगंज के गोकुल चंद की सिम्स में मौत।
>21 अगस्त 2010: मसानगंज के गोकुल चंद की सिम्स में मौत।
>3 अगस्त 2010: मालखरौदा की जानकी बाई की सिम्स में मौत।
>2 सितंबर 2010: जांजगीर-चांपा की 20 वर्षीय सलमा बेगम की सिम्स में मौत।
>31 अक्टूबर 2013: मंगला के सीपी तिवारी की अपोलो अस्पताल में मौत।
>31 अक्टूबर 2013: मंगला के सीपी तिवारी की अपोलो अस्पताल में मौत।
लक्षण
सामान्य एन्फ्लूएंजा के लक्षणों की तरह। बुखार, तेज ठंड लगना, गला खराब हो जाना, मांसपेशियों में दर्द होना, तेज सिरदर्द होना, खांसी आना, कमजोरी।
संक्रमण
संक्रमित व्यक्ति का खांसने और छींकने या ऐसे उपकरणों के स्पर्श करने से, जो दूसरों के संपर्क में भी आता है, उन्हें भी संक्रमित कर सकता है।
सावधानी
बार-बार अपने हाथों को साबुन या ऐसे सॉल्यूशन से धोना जरूरी होता है जो वायरस का खात्मा करते हैं। नाक और मुंह को हमेशा मॉस्क से ढंकना जरूरी है।