कालेज बंद कर एसडीएम को दिया ज्ञापन
खरसिया। खरसिया एम जी कॉलेज में प्राइवेट के फॉर्म की फीस में वृद्धि के विरोध में छात्रों ने कॉलेज को बंद कराया । छात्रों का कहना है कि कॉलेज के फॉर्म यूनिवर्सटी से 100 रूपये में आता है, जिसे कॉलेज अपने मनमाने ढंग से 630 रूपये में छात्रों को देर रहा है। पिछले सत्र में प्राईवेट फार्म की फीस 330 रुपये जी रही थी। छात्रों ने प्राईवेट की फीस में बढोतरी कम करने के लिए अनुविभागीय अधिकारी खरसिया को ज्ञापन भी दिया। छात्रों को महाविद्यालयीन छात्र संघ और एनएसयूआई ने भी अपना समर्थन दिया।
खरसिया एमजी कालेज में इस वर्ष स्वाध्यायी छात्रों का फार्म आ गया है जिसे विक्रय किया जाना था। लेकिन महाविद्यालय मे स्वध्यायी के रुप में परीक्षा देने वालों छात्रों के पैरों से उस समय जमीन खिसक गई जब उन्हें पता लगा कि स्वाध्यायी छात्रों के लिए 630 रुपये फीस लगेगी। यहां बताया उल्लेखनीय होगा कि यूनिवर्सटी से स्वाध्यायी फार्म 100 रुपये में भेजे जाते हैं जिसमें 30 रुपये कमीशन लेकर 130 रुपये में विक्रय करना होता है। महाविद्यालय द्वारा स्वध्यायी फार्म पिछले वर्ष 200 रुपये जनभागीदारी शुक्ल जोडकर 330 रुपये में दिये गये थे। इस वर्ष जनभागीदारी शुल्क को 200 रुपये से बढाकर 500 रुपया कर दिया गया है। जिससे फार्म अब 630 रुपये में मिल रहे है जो स्वाध्यायी छात्रों के लिए एक भार साबित हो रहा है। इससे स्वाध्यायी छात्रों ने महाविद्यालयीन छात्रों के साथ मिलकर आवाज उठाई और महाविद्यालय के प्राचार्य पीसी धृतलहरे से भी चर्चा की । लेकिन महाविद्यालय प्रबंधन इस बात अडा रहा कि कालेज में विभिन्न कार्यो के लिए पैसों की कमी है जिसके कारण जनभागीदारी समिति के शुल्क में वृध्दि की गई है। साथ ही बडी संख्या में स्वाध्यायी छात्रों के आने से उनके लिए परीक्षा हेतू व्यवस्था भी करनी पडती है। मसले का हल न निकलने के कारण छात्रों ने महाविद्यालय बंद करवा दिया और स्वाध्यायी छात्रों के फॅार्म की फीस वृध्दि के खिलाफ अनुविभागीय अधिकारी बीएस मरकाम को एक ज्ञापन दिया है । महाविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष भानूप्रताप राठिया एवं छात्र संघ के अन्य पदाधिकारियों एनएसयूआई के दिग्विजय सिंह,बादल ठाकुर सहित सैकडों छात्र छात्राओं ने स्वाध्यायी छात्रों की फीस बढाने का आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।