[aph] रायगढ़ : [/aph] इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम सलाह केन्द्र द्वारा प्रदेश के किसान भाईयों को मौसम आधारित कृषि परामर्श के लिए सलाह दी है। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ के अधिकांश क्षेत्रों में घने बादल छाए रहने एवं हल्की से मध्यम वर्षा होने तथा हवा में 80-90 प्रतिशत नमी होने की संभावना है। मैदानी क्षेत्रों में अधिकतम तापमान लगभग 28 से 32 डि.से. एवं न्यूनतम तापमान 25 से 27 डि.से. के बीच दर्ज किए जाने की संभावना है। आने वाले दिनों में हवा दक्षिण-पश्चिम दिशा से चलने एवं इसकी गति लगभग 6-12 किलो मीटर घंटा रहने की संभावना है। प्रदेश में खरीफ फसलों के लक्ष्य से लगभग 9 प्रतिशत बोवाई का कार्य हो चुका है। अब तक प्रदेश में 376.42 हेक्टे.क्षेत्रफल में अनाज की बोवाई कार्य हुआ है। इनमें अनाज के अंतर्गत मक्का, धान एवं बोता शामिल है। इसी तरह दलहनी, तिलहनी अन्य फसल भी शामिल है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग और कृषि मौसम विज्ञान विभाग रायपुर के अनुसार किसान भाईयों को मौसम आधारित कृषि परामर्श के अन्तर्गत बताया गया है कि जिन जिलों में वर्षा की स्थिति बताई जा रही है वहां पर सीधी बोनी विधि से धान की बोनी करें। यदि अवर्षा की स्थिति रहती है तो बियासी न करें। केवल अंकुरण पश्चात नींदानाशक जैसे बिसपयारीबेक का उपयोग करे एवं नींदानाशक की व्यवस्था अभी से करने कहा गया है। हल्की जमीनों में 100-115 दिन में पकने वाले किस्में दंतेश्वरी, पूर्णिमा, इंदिरा, बारानी धान-1, अन्नदा, समलेश्वरी, एमटीयू-1010, आईआर 36 लगाए। यदि प्रमाणित बीज उपलब्ध न हो तो किसान इन किस्मों का स्वयं का बीज 17 प्रतिशत नमक के घोल एवं बाविस्टीन से उपचार करने बोनी करें। जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन है वे किसान धान की कतार बोनी करके एक सिंचाई कर देवें एवं 20 दिन पश्चात अंकुरण पश्चात नींदानाशकों का उपयोग करें। फ्लेट फैन नोजल का उपयोग करें। उच्चहन बिना बंधान वाले खेतों में मूंग, उड़द व तिल की बोनी की जा सकती है। जल निकास की उचित व्यवस्था करें। वर्तमान मौसम खरीब सब्जियों जैसे टमाटर, बैगन, मिर्च इत्यादि के थरहा तैयार करने हेतु बुआई के लिए अनुकूल है। किसान को सलाह दी जाती है लगभग 6 इंच ऊंची क्यारियां बनाकर बीजों की बुआई करने कहा गया है।