[su_highlight background=”#2d2d2d” color=”#efefef”]इस बार 30 की जगह 45 दिनों बाद निकलेगी रथ यात्रा[/su_highlight]
[aph] रायगढ़ : [/aph] राजापारा स्थित रायगढ़ के ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर में आज भगवान जगन्नाथ उनके बड़े भाई बलभ्रद व बहन सुभद्रा को पूरी श्रद्धा और उल्लास के बीच मंदिर के गर्भ गृह से निकालकर मंदिर प्रांगण में 27 पवित्र कुण्डों के जल से ब्राम्हणों द्वारा देव स्नान कराया गया। इस अवसर पर उत्कल समाज सहित अन्य समुदाय के लोग भी बडी संख्या में उपस्थित थे।
[su_pullquote]रायगढ़ के राजापारा स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी देव स्नान का आयोजन किया गया। वैसे तो भगवान जगन्नाथ को पूरी के देव स्नान पूर्णिमा की तर्ज पर 108 कुओं के जल से स्नान कराने की परंपरा रही है। मगर रायगढ़ में इतने कुंओ की व्यवस्था नहीं होनें के कारण इस बार 27 पवित्र कुण्डों के जल से भगवान श्री को स्नान कराने की व्यवस्था की गई थी। इस लिहाज से आज सुबह से ही जगन्नाथ मंदिर परिसर सहित शहर के अन्य जगन्नाथ मंदिरों में भी गहमा-गहमी का माहौल रहा जहां अन्य मंदिरों में पूर्वान्ह के समय भगवान श्री को गर्भ गृह से निकालकर उनका स्नान कराया गया। [/su_pullquote]
वहीं जगन्नाथ मंदिर परिसर में दोपहर 12 बजे के बाद ब्राम्हणों के शंख व घंट ध्वनि के बीच भगवान जगन्नाथ उनके बड़े भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा को हरि बोल व जय जगन्नाथ की गूंज के बीच मंदिर के गर्भ गृह से प्रांगण में निकाला गया। इसके लिये मंदिर के प्रांगण में पंडाल लगाकर अलग से देव स्नान की व्यवस्था की गई थी। जहां दर्जनों ब्राम्हणों की उपस्थिति में वेद मंत्रों के उच्चारण के बीच शंख घंट ध्वनि के साथ विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर तीनों भगवान श्री को कुंओं के जल से स्नान कराया गया तथा उन्हें नये वस्त्र पहनाये गये। इस अवसर पर भगवान श्री को छप्पन भोग का प्रसाद भी चढाया गया। मंदिर समिति के अनुसार इस वर्ष दोहरा आषाड मास पडऩे के कारण भगवान लगभग डेढ़ माह तक बीमार होनें की स्थिति में आराम करेंगे, तत्पश्चात 18 जुलाई को रायगढ़ की रथोत्सव परंपरा के अनुसार रथारूड होकर रथ यात्रा पर निकलेंगे। यह आयोजन उत्कल सांस्कृतिक सेवा समिति व जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट राजापारा के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। इस अवसर पर 108 ब्राम्हणों को भोजन भी कराया गया। राजापारा स्थित जगन्नाथ मंदिर सहित पैलेश रोड स्थित नर्सिग मंदिर, गोपीनाथ जीव मंदिर, व राममंदिर रामगुडी पारा सहित बैकुण्ठपुर स्थित राम मंदिर में भी पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री को विविद प्रकार की औषधियों एवं सुगंधित जडी बुटियों के मिश्रण से बने जल से मंगल स्नान कराकर उनका जलाभिषेक किया गया। इव अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिलाएं , पुरूष व बच्चों सहित उडिया समाज के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।