रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पटाखा फोडऩा प्रतिबंधित
रायगढ़ । छत्तीसगढ़ पर्यावरण मंडल के सदस्य सचिव श्री देवेन्द्र यादव ने आम जनता से दीपावली पर्व के अवसर पर आतिशबाजी के दौरान अत्यधिक शोर करने वाले पटाखे न फोडऩे की अपील की है। उन्होंने जन सामान्य से इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए लोगों से इसके पालन में सहयोग का भी आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि रात्रि 10 बे से सुबह 6 बजे तक पटाखा फोडऩा पूरी तरह प्रतिबंधित है। देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम सबकी यह जवाबदारी है कि इसका भी पालन सुनिश्चित करें।
पर्यावरण संरक्षण मंडल के सदस्य सचिव ने इस संबंध में जारी अपने पत्र में कहा है कि दीपावली के अवसर पर बड़ी मात्रा में आतिशबाजी की जाती है एवं पटाखे फोड़े जाते है जिससे वायु एवं ध्वनि प्रदूषण की गंभीर समस्या उत्पन्न होती है। उच्चतम न्यायालय द्वारा उच्च ध्वनि उत्पन्न करने वाले ध्वनि यंत्रों तथा पटाखों की रोकथाम के संबंध में निर्देश जारी किए गए है। उन्होंने कहा है कि 4 मीटर दूरी तक 125 डीबी एएल या 145 डीबी सीपीके से अधिक शोर करने वाले पटाखे फोडऩा प्रतिबंधित है। लडिय़ों से निर्मित पटाखों के लिए उपरोक्त मानक सीमा 5 लॉग 10 एनडीबी कम होना चाहिए।
अतिसंवेदनशील क्षेत्रों जैसे अस्पताल, शिक्षण संस्थाएं, अदालत, धार्मिक संस्थाओं आदि के कम से कम 100 मीटर के दायरे में पटाखे नहीं फोड़ा जाना चाहिए। सदस्य सचिव ने समस्त कलेक्टर्स को शिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थियों वायु एवं ध्वनि प्रदूषण के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए पटाखों के दुष्प्रभाव के बारे में उन्हें अवगत कराने तथा जन सहयोग से जागरूकता अभियान संचालित करने को कहा है। उन्होंने कलेक्टर्स से निर्धारित मानकों से अधिक ध्वनि प्रदूषण वाले पटाखों के उत्पादन एवं बिक्री को भी प्रतिबंधित करने की अपील की है।