[su_heading size=”18″ margin=”0″]एन एच के किनारे जान लेवा खदाने हादसे को दे रहा आमंत्रित[/su_heading]
सारंगढ़ : शहर से 15 से 20 किलो मीटर के दुरी में बसा गुडेली टीमरलगा जिसे हम कोल माइंस के नाम से भी कहते है कियो की यहाँ एक दो नहीं बल्कि यहाँ सैकड़ो वैध एवम् अवैध खदाने मौजूद है जो स्वयं के निजी जमीन से लेकर शासकीय जमीन और लात नाला सहित कई जगहों में अवैध खनन कर पत्थर निकल रहे है और क्रेशरों में बेच रहे है और रोजाना मोटी कमाई भी कर रहे है ओ भी अधिकारियो के संरक्षण में पत्थर खदाने इतनी गहरा हो चुका है की अगर कुछ दुर्घटना घटी तो वह वहा से बहार नहीं निलक पायेगा बल्कि वह सीधा यमराज जी से जा मिलेगा और ऐसा कई बार भी इन पत्थर खदानों में हो चुका है भोले भाले मजदुर काल के आगोश में समा चुके है पत्थर चढ़ाते समय भी कई ट्रेक्टर की दुर्घटना घटित भी हो चुका है मगर मजदूरो सहित इन खदान मालिको को केवल हरे हरे देशी नोट ही दिखाई देते है इसी हरे भरे नोट के दम पर अगर यहाँ कोई काम करतेहुए काल की आगोश में समा जाता है तो उसे कुछ रुपये देकर बच जाते है अगर पुलिस केश बन जाता है तो भी इन्हें कुछ डर नहीं रहता कियो की उन्हें भी मोटी रकम दे कर उनके आँखों में पट्टी बांध देते है मामला वही का वही दब जाता है खेर खदाने मालिक कम से कम एन एच के किनारे जो बड़ी बड़ी खदाने खोद रखी है अगर उसे पाट कर बराबर कर दिया जाता है तो इस रोड पर बना खतरा कम से कम कम तो हो जायेगा कियो की इस रायगढ़ सारंगढ़ मार्ग में रोजाना नाना प्रकार की छोटी बड़ी वाहनों का आना जाना लगा रहता है अगर किसी ने अपना नियंत्रण खो दिया तो वह सीधा इस जान लेवा खदान के अंदर जा गिरेगा
[aph] आखिर कहा से आता है बारूद [/aph] किया आप जानते है हमारे क्षेत्र गुडेली टीमरलगा में भारी मात्रा में बारूद डेटोनेटर जैल जैसी खतरनाक बारूद कहा से आता है यह किसी को पता नहीं हा मगर इन दोनों गाव में हजारो टन बारूद की रोजाना खपत है जिसका उपयोग यहाँ पत्थर फोड़ने मेकिया जाता है और इसी जान लेवा बारूद को पत्थर फोड़ते हुए गरीब मजदुर या तो घायल हो जाता है या सीधा यमलोक पहुच जाते है कई मजदूरो ने अपना हाथ पैर भी गवा चुके है और विकलांग भरी जिंदगी जी रहे है जिन्हें देखने तक खदान मालिक नहीं जाते और घायल वेयक्ति का परिवार वाले भूखे मरते रहते है इस गुडेली टीमरलगा में इतना ज्यदा बारूद मौजूद है की पूरा का पूरा सारंगढ़ शहर सहीत कई गाव को उड़ाया जा सकता है यहाँ काम करने वाले मजदूरो के पास भी बारूद। का जकिरा हमेशा देखा जा सकता है आखिर इस तरह यहाँ से बारूद कहा कहा से आता है और किस को कहा कहा सफ्लाई होता है इस तरह बिस्फोटक पदार्थ के बारे में हमारे खाखी वर्दी धारीभी नही जानते और जानना भी नहीं चाहते आखिर कौन। सा कंपनी यहाँ बारूद का सफ्लाई करता है और उक्त बिष्फोटक पदार्थ किसके किसके पास पहुचता है और उस बारूद को गुडेली टीमरलगा से कहा कहा सफ्लाई किया जाता है यह भी एक पहेली की तरह है अभी हाल ही में कुछ दिन पहले पुलिस दुवरा संयुक्त छापा मार कर कुछ लोगो के घर से भारी मात्रा में डेटोनेटर। जैल बारूद वायर आदि कई सामग्री जप्त किया गया था किया आप जानते है वह कौन था जिनके ऊपर केश दर्ज हुआ था उसमे से कुछ लोग काम करने वाले मजदूर थे और कुछ ड्रायवर किया इन मजदूरो और ड्रायवर के पास बारूद का जाकिरा हो सकता है नहीं बिलकुल नहीं जो वयक्ति दिन भर मेहनत कर अपना घर में रोटी पकता हो वह आखीर कहा से लायेगा भारी भरकम बारूद जिनके पास अपने परिवार को पालने के लिए रुपयो की कमी बनी रहती है वह लोग लाखो रुपये लगाकर बारूद कहा से लाएगा मगर सब उलटा है अगर पुलिस यहाँ छापा मार कर इन को पकड़ता है तो बारूद सफ्लायर अपना ड्रायवर या अपने खदान में काम कर रहे मजदुर को आगे कर देता है और बदले में छोटी मोटी रकम उन्हें दे देते है वह भी रूपये के लालच में जेल जाने को तैयार हो जाते है ठीक इन्ही मजदूरो। की तरह हमारे खाखी। वर्दीधारी को भी मोटी रकम दे कर बच जाते है और एक मजदुर फस जाता हैइसी तरह वर्दी धारी वाह वाही लूटते रहते है की आज हम ने ये किया ओ किया और असल में असलियत कुछ और ही रहता है जो हम सभी से हमेशा छुपा रहता है यहाँ से कही नक्सलीयो को तो भी बारूद सफ्लाई नहीं किया जाता हो यह भी समझ से परे है
[aph] कुछ अजीबो गरीब कारनामे [/aph] महानदी में मछ्ली पकड़ना अब आसान हो चुका है कियो की महानदी किनारे बसे ग्राम घौठला छोटे जसरा बरभाठा जसपुर छतौना छर्रा हिच्छा टीमरलगा आदि कई गाव वाले मछली पकड़ने के लिए बारूद का उपयोग लगातार कर रहे है और महानदी को रोजाना दूषित भी कर रहे है ग्रामीण गुडेली टीमरलगा से रोजाना बारूद ले कर आते है और बारूद से मछली पकड़कर खा रहे है कुछ ग्रामीण शीशा का बॉटल ले कर उसमे जैल या बारूद और यूरिया पेट्रोल डाल कर बाती बना कर उस को महानदी के पानी के अंदर फेक देते है और उसके बाद पानी के अन्दर जोरदार धमाका होता है उस धमाके के कम्पन् से मछली मर कर या बेहोश हो कर पानी के ऊपर आ जाता है उसके बाद उसे एक एक कर पकड़ लेते है इसतरह के धमाके के छोटे बड़े सभी मछलिया एवम् जल का अन्य जीव मर जाते है पानी भी केमिकल की वजह से दूषित हो रहे है जिसकी रोक थाम कोई नहीं कर रहा न ही जल विभाग इस और ध्यान दे रहा न ही वर्दी धारी.
[aph] चलिए बारूद और पत्थर की बाते तो पूरी हो गई अब आते है वेध एवम् अवैध क्रेशरों के पास [/aph] गुडेली टीमरलगा में ऐसे कई क्रेशर है जो अवैध है और कुछ वैध भी है इन के कारन अब नेशनल हाइवे 153 पूरी तरह से खतरे में आ चुका है यहाँ 100 मिटर के दायरे में कई क्रेशर संचालित है रोड किनारे क्रेशरों के संचालन के कारन राहगीरो से लेकर ग्रामीणो सहित रोड किनारे बसे लोग वाहन चालक सहित छात्र छात्राओ को मुश्किल का सामना रोजाना करना पड रहा है खनिज विभाग के नियम अनुसार एन एच से सौ मीटर से दूर क्रेशर होना चाहिए लेकिन इन नियमो की कोई भी परवाह संचालक नहीं करते है विभाग के रिकॉड के अनुसार चंद्रपुर से लेकर टीमरलगा गुडेली तक 50 से भी अधिक क्रेशर 100 मीटर के दायरे में है जो नियम अनुसार नहीं है इसी मार्ग में हजारो मोटर गाड़ियां छोटी से बड़ी भारी भरकम ओभर लोड हजारो टन की गाड़ियां आते जाते रहता है और जान लेवा हदशा इन क्रेशरों से निकलने वाले धूल गुबारो के कारन होते है हजारो ट्रेक्टर इन क्रेशरों में पत्थर ला ला कर देते है बड़ी बड़ी डम्फर भी अपने छमता से अधिक लोड कर इस रोड में मौत ले कर लगातार दौड़व रही है और क्रेशर संचालक के कारन हजारो ट्रेक्टर डम्फर गिट्टी पत्थर लोड कर इस रोड में चलते रहता है इन्ही के कारन गुडेली टीमरलगा मार्ग की सड़के पूरी तरह से उखड कर बड़े बड़े खड्डे खदानों जैसा हो गया है इसमार्ग में धूल अधिक उड़ता रहता है इस सड़क मार्ग में चलने वाला इन्शान धूल से पूरी तरह सराबोर हो जाता है यानि धूल से पुरी तरह नाहा लेता है कभी कभी कुछ सायकल मोटर सायकल वाले आँखे मलते हुए इस मार्ग में दुर्घटना का भी शिकार हो जाते है कई तो यम जी के पास सीधा पहुच जाते है और कई लोग हॉस्पिटल भी पहुच जाता है क्रेशर संचालक पहले तो दो चार दिन एन एच पर धूल को दबाने के लिए पानी का छिड़काव तो कर रहा था मगर अब क्रेशर संचालक गर्मी अधिक होने के कारन अब सोता नज़र आ रहा है अगर क्रेशर संचालक दुर्घटना रोकना चाहता है तो सभी क्रेशर संचालक और खदान वाले मिल कर इस रोड को बनवा सकते है मगर ये लोग सड़क को पूरी तरह तोड़ कर शासन को देख रहे है की अब सड़क को बनवा दे यहाँ करे कोई और भरे कोई वाला सिद्धान्त ठीक बैठता है कमाए ये लोग लाखो करोडो और शासन खजाने में से इस रोड को सुधारे आखिर यह कहा का न्याय है शासन प्रशासन को तत्काल यहाँ छापा मार कार्यवाही करना चाहिए जो अवैध है उसे पूरी तरह से बंद करे और एन एच किनारे पड़े क्रेशर को वहा से 100 मीटर दूर भेजे और रोड पर रोजाना पानी का छिड़काव करवाये जिससे धूल न उड़े मगर खनिज विभाग यहाँ मोटी रकम लेकर वैध एवम् अवैध क्रेशरों का संचालन करवा रहा और कोई कार्यवाही भी नहीं करते.
[box type=”shadow” align=”” class=”” width=””]छोटे छोटे नाबालिक लड़के भी इस मार्ग में हाई स्पीट में ट्रेक्टर चालते देखा जा सकता है जिनके दुवारा कई लोगो को ट्रेक्टर से भी टक्कर मार देते हैकभी कभी बड़ी दुर्घटना भी घटित हो जाती है जिसे पूरी तरह छुपा देते है ऐसा लगता है की कीच हुआ ही नहीं इन्हें रोकने वाला भी कोई नहीं इस तरह के कार्य को लगातार छापा मार कर रोकना चाहिए मगर यह अन्धो का नगरी है यहाँ अंधेर नगरी चौपट राजा की कहानी ठीक बैठता है[/box]