रायगढ़ – पुसौर के तहसीलदार आरएस लाल को एसीबी की टीम ने उनके सरकारी निवास से रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक किसान से नामांतरण के लिए दो लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। ऐसे में किसान ने एक लाख रुपए ५०-५० हजार की दो किश्तों में दे चुका था। इसके बाद उसने एसीबी से संपर्क कर तहसीलदार को रंगे हाथों पकड़ाने का
जाल बिछाया।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए प्रार्थी श्याम सुंदर शर्मा निवासी पुसौर ने बताया कि उसने जमीन के नामांतरण के लिए तहसीलदार से कहा, लेकिन तहसीलदार ने बिना रिश्वत के ऐसा करने से इंकार कर दिया।
तहसीलदार लाल की ओर से एक डिस्मिल जमीन के बदले पांच हजार रुपए मांगे जा रहे थे। लेकिन मैंने जब इतनी रकम देने में असमर्थता जाहिर की तो तीन हजार रुपए प्रति डिस्मिल पर सौदा पक्का हो गया। कुल जमीन के हिसाब से मुझे तहसीलदार को दो लाख रुपए देना था। ५०-५० हजार उसे दो बार में दे भी दिया गया था। जब आखिरी एक लाख रुपए देना था तो मैं अपने साथ एसीबी की टीम को भी साथ में लाया था। ऐसे में तहसीलदार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
मैंने नहीं ली रिश्वत, मुझे फंसाया गया है
तहसीलदार आरएस लाल की मानें तो उन्होंने रिश्वत की न तो मांग की थी और न ही उन्होंने रिश्वत के रुपयों को हाथ ही लगाया है। एसीबी की टीम ने उन्हें जबरन गिरफ्तार कर लिया है। वो पूरी तरह से निर्दोश हैं।
घर की तलासी में मिले ५० हजार रुपए
एसीबी की टीम ने एक लाख रुपए की जब्ती बनाने के बाद तहसीलदार के पूरे घर की तलासी ली। ऐसे में उनकी आलमारी से ५० हजार रुपए और कुछ फुटकर रकम भी मिली है। इस पर लाल का कहना है कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी के लिए पाई-पाई जोड़कर यह रकम इक_ी की थी। तहसीलदार लाल से जो रिश्वत की रकम एक लाख बरामद की गई उसमें पांच सौ और एक हजार के नोट थे। ताकि नोटो को रखने में सहूलियत हो।
कार्रवाई में कौन थे शामिल
बिलासपुर से आई एसीबी की टीम में डीएसपी एसपी करोसिया, चार स्टाफ निरीक्षक अजितेश, प्रमोद खेस और दो राजपत्रित अधिकारी तारकेशवर सिन्हा, एमआर निकोसे सहित कुल सात अधिकारी आए हुए थे।
लाल ने यह कहा
तहसीदार लाल ने कहा कि मैं अपने घर के अंदर कमरे में खाना खाने की तैयारी कर रहा था। ऐसे में मेरे साथ रह रहे एक कर्मचारी ने कहा कि दो लोग आए हुए हैं कुछ जरूरी कार्य है। पहले उनसे मिल लें फिर खाना खा लें। ऐसे में जब मैं बरामदे में गया तो बैठे हुए लोगों ने मुझे कागजात देते हुए कहा कि नामांतरण के पेपर हैं इन्हें एक नजर देख लें। जब मैं इस कागजात को देखने लगा तो एसीबी की टीम ने मेरे दोनों हाथों को पकड़ लिया और कहा कि आपको रिश्वत लेने के जुर्म में गिरफ्तार किया जाता है। मेरे हाथ धुलवाए गए लेकिन उसमें कोई कैमिकल नहीं निकला। ऐसे में कई बार हाथ धुलवाए गए लेकिन मैंने रुपए ही नहीं लिए थे तो हाथ धोने पर भी नोटों पर लगा कैमिकल मेरे हाथों से नहीं निकला।
कहां से आए एक लाख रुपए
एसीबी की टीम को तहसीलदार के टेबल के दराज से एक लाख रुपए मिले हैं। इन्हें कहा जा रहा है कि इन नोटों को तहसीलदार ने रिश्वत के तौर पर लिए हैं। इस पर लाल का कहना है कि उनके बरामदे में रखे टेबल का दराज हमशा खुला रहता है। मुझे फंसाने के लिए उन लोगों ने दराज में पहले से ही रुपए रख दिए होंगे।