[su_heading size=”16″ margin=”3″]छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने काजल उर्फ सोनी बाई की षिकायत को किया खारिज[/su_heading]
[aph] रायगढ़ : [/aph] रायगढ़ से ही लगे खरसिया शहर के सोने चांदी के व्यवसायी पवन अग्रवाल पर मुगेली तहसील की काजल उर्फ सोनी बाई द्वारा बलात्कार किये जाने के आरोप की षिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराये जाने के साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग रायपुर को प्रेषित की थी। जिस पर छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने अपने अनुषंसा आदेष दिनांक 7.7.2015 के तहत काजल उर्फ सोनी बाई की षिकायत को पूरी तरह से साक्ष्य विहिन और झूठी पाये जाने पर खारिज कर दिया।
[aps]यहां उल्लेखनीय रहें कि पवन अग्रवाल के भाई प्रमोद उर्फ कालू की हत्याकांड में लिप्त अपराधियों को बचाने के उददेष्य से पवन अग्रवाल पर बलात्कार का झूठा आरोप लगाया गया था ताकि उस पर दबाव बनाकर हत्या के आरोप से बचा जा सके। खरसिया के प्रमोद उर्फ कालू की 24 अक्टूबर 2013 को खरसिया में ही हत्या कर दी गई थी। इस कांड के आरोपियों ने खुद की गरर्दन बचाने के इरादे से पवन अग्रवाल पर दबाव बनाने के लिए पथरिया । मुंगेली। की काजल बाई उर्फ सोनी को मोहरा बनाकर बलात्कार के झूठे आरोप में फंसा दिया था।[/aps]
इस पर पुलिस जांच तथा छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग द्वारा अनुसंधान के बाद अपने अनुंषसा आदेष दिनांक 7 जुलाई 2015 में यह स्पष्ट कर दिया कि पवन अग्रवाल पर षडंयत्र पूर्वक बलात्कार का आरोप लगाया गया था। आयोग में सुनवाई के दौरान आवेदिका द्वारा इस संदर्भ में कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जा सका इन्हीं सब आधार पर आयोग ने माना कि काजल उर्फ सोनी बाई द्वारा झूठी षिकायत किया जाना सही पाया और उसकी षिकायत को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
आयोग ने अपने इस आदेष की प्रति जांजगीर चांपा के पुलिस अधीक्षक को प्रेषित करते हुए इस मामले में आवष्यक कार्यवाही हेतु निर्देषित भी किया है। अतः पुलिस अधीक्षक महोदय से अपेक्षा है कि प्रमोद उर्फ कालू की हुई हत्या के आरोपियों सहित इस झूठे बलात्कार के मामले में संलिप्त लोगों को बेनकाब कर जेल की सीखचो के पीछे भेजे जाने हेतु आवष्यक कार्यवाही करेंगे ताकि आम लोगों के बीच पुलिस की स्वच्छ छवि बन सके।