खरसिया-सात दिनों की विधिवत पूजा अर्चना के बाद गणेश विसर्जन का सिलसिला शुरु हो गया है। विध्न विनाशक गणेश जी को विदाई देकर विसर्जन किया गया। गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ के उद्घोष के साथ नाचते गाते,ढोल तासे,आतिशबाजी के बीच विसर्जन यात्रा निकाली गई जो नगर के मुख्यमार्गों से होकर गुजरी। करमा नर्तक दल एवं डी.जे. बीच नाचते गाते युवाओं और बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
भादो मास की शुक्ल चतुर्थी के दिन नगर में जगह जगह विध्न विनाशक की मुर्तिया स्थापित की गई। चैक चैराहों के साथ साथ लोगों ने घरों में भी गणेश प्रतिमा स्थापित की थी। प्रतिदिन दोनों समय मत्रोंपचार के साथ पूजा अर्चना की गई। रात्रि में भजन कीर्तन पूरे नगर के वातावरण को भक्तिमय बनाते रहे कई जगह गणेश पूजन में भंडारें का आयोजन किया गया। जिसमें बडी संख्या में श्रध्दालूओं ने विघ्नविनाशक गण्ेाश भगवान का प्रसाद ग्रहण किया। कुछ लोगों ने ती दिन के गणेश बिठाई तो कुछ ने पाॅंच दिन,वहीं कुछ लोगों ने सात दिन तक लम्बोदर महराज को विराजमान रखकर दिल उनकी पूजा अर्चना की। इसके बाद गणेश प्रतिमाओं की विसर्जन शुरु हो गया, बुधवार 23 सितम्बर को काफी गणेश प्रतिमाये विसर्जित कर दी गई। नगर में हमालपारा,पुरानीबस्ती,,मौहापाली रोड,पोस्ट आफिस रोड,सावल किशोरी चैक,गंच पीछे,ठाकुरदिया ,पठानपारा दर्री तालाब के पास सार्वजनिक समितिओं के माध्यम से गणेश की प्रतिमाये स्थापित की गई थी। एक एक करके ये प्रतिमाये धूम धाम और बाजे गाजे के साथ आतिशबाजी और गुलाल के फूवारों के बीच नदी एवं तालाबों में विसर्जित की जा रही है। बुधवार को समाचार लिखें जाने तक देर रात्रि तक गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन जारी था। नगर में जिधर देखों गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन जुलूस निकल रहे थे जिनमें ढोल तासे करमा नर्तक एवं डी.जे0 की धून पर बच्चो और युवाओं की थिरकते देखा जा रहा था। विसर्जन जुलूस के साथ विघ्नविनाशक का प्रसाद वितरण भी किया जा रहा था जिसे ग्रहण करने बडी संख्या में श्रध्दालू भक्त विसर्जन में शामिल हुए।