रायगढ़ – जिला जेल में उस वक्त हलचल मच गई, जब स्वतंत्रता दिवस के लिए परिसर को बंदियों से साफ सफाई कराने के दरमियान एक बंदी जेल से भाग खड़ा हुआ। पुलिस को चकमा देकर भाग रहे सजायाफ्ता कैदी को लंबी जद्दोजेहद के बाद आखिरकार चक्रधरनगर रेलवे फाटक के पास पकड़ा कर फिर से सलाखों के पीछे भेज दिया गया।
जेल अधीक्षक से मिली जानकारी के मुताबिक स्वतंत्रता दिवस के मद्देजनजर जेल परिसर में सोमवार सुबह से साफ सफाई की जा रही थी। बैरकों की सफाई पश्चात जेल के बाहर की सफाई के लिए मुख्य प्रहरी लाल बहादुर सिंह ने 6 कैदियों को बाहर निकाला और परिसर की साफ सफाई करा रहा था। इसी बीच तकरीबन साढ़े दस बजे जेल से बंदियों को पेशी पर ले जाने वाहन आया। वाहन के खड़े होने से कैदी गणेश किसान 20 वर्ष पिता पुरनो किसान पुलिस कर्मियों से आंख बचाकर वहां से भाग खड़ा हुआ। हालांकि जेल प्रहरी एवं अन्य पुलिस कर्मियों ने उसे पकड़ने का प्रयास किया, मगर कैदी वहां से भागने में सफल हो गया। इस प्रकार कैदी के भागने की खबर पुलिस के आलाधिकारियों के पास पहुंची, तो शहर में अलर्ट जारी कर दिया गया। इसके साथ ही घेराबंदी कर उसे पकड़ने का अभियान चलाया गया। पुलिस को लगभग एक घंटा छकाने के बाद आखिरकार चक्रधरनगर रेलवे फाटक के पास कैदी को धरदबोचा गया।
मिली थी 6 माह की सजा
जेल अधीक्षक जीएस शौरी ने बताया कि कैदी मारपीट और दांत से काटने के जुर्म में 6 माह की सजा भुगत रहा था। गौरतलब हो कि आरोपी के खिलाफ थाना चक्रधरनगर में मारपीट और दांत से काटने के जुर्म में धारा 324 का अपराध दर्ज थी। जिसमें जिला न्यायालय द्वारा 4 अगस्त को जेल भेजा था।
लापरवाही की खुली पोल
जेल परिसर से कैदी के फरार होने के मामले ने एक बार फिर जेल प्रबंधन की पोल खोल दी है। जैसा कि बताया जा रहा है कि साफ सफाई में 6 बंदियों को लगाया गया था और उनकी निगरानी के लिए केवल एक प्रहरी मौजूद था। ऐसे में वहां कार्यरत अन्य कैदी भी चाहते तो आसानी से भाग सकते थे।
6 माह और बिताना पड़ेगा जेल में
मारपीट के आरोप में जिला न्यायालय द्वारा गणेश किसान को मात्र 6 माह के कारावास की सजा सुनाई थी। लेकिन जेल से भागकर उसने अपनी सजा में बढ़ोतरी कर ली है। जेल अधीक्षक की मानें तो जेल से फरार होने के आरोप में उसके खिलाफ पुनः 224 का अपराध पंजीबद्घ किया गया है। ऐसे में उसे और 6 माह की सजा भुगतनी पड़ेगी।