खरसिया। मंगलवार की शाम बंधवा तालाब, भगत तालाब, मदनपुर तालाब में डुबते सूर्य को अर्ध देकर छठ मात्रा की अराधना की गई। बुधवार को सुबह उगते सूर्य को अध्र्य दिया जायेगा। सूर्योपसना के महापर्व छठ रविवार को प्रारंभ हुआ था। 18 नवंबर को सुबह उगते सूर्य को अध्र्य देने के साथ ही व्रती महिलाओं के छठ पूजा सम्पन्न होगी। पूजा समाप्ती के बाद ही महिलाएं प्रसाद ग्रहण करके व्रत तोडेगी।
प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी उत्तर भारतवासियों के सबसे बडे पर्व छठ पूजा उत्सव कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय छठ घाट पं दिनदयाल सरोवर सहित नगर के अनेक तालाबो में दिनांक 17 नंवबर को संध्या छठ उपवास रखी महिलाओं ने अस्तगामी सूर्य को प्रथम अध्र्य दिया वहीं कल अर्थात 18 नंवबर को सुबह 5 बजे उगते सूर्य को द्वितीय अध्र्य दिया जावेगा एवं सुबह 06 बजे प्रसाद वितरण किया जावेगा। छठ पूजा उत्सव समिति के सदस्यगण राधेश्याम शर्मा ने बताया कि यह पर्व एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें सूर्य देव की देवी के रूप में पूजा कर आप अपने कष्टों का निवारण एवं छठ मईया से विनती कर सूर्यदेव को छठ घाट पर आकर उन्हें अध्र्य देकर अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकते है। यह पर्व सनातन धर्म का एकमात्र ऐसा कठिन व्रत है जो महाफलदायी एवं कष्टों को दूर करता है। सूर्याेपसना के महापर्व छठ के दुसरे दिन व्रती महिलाओं ने निर्जला उपवास रखते हुए शाम के समय खरना एवं प्रसाद बनाकर परिवार के साथ ग्रहण किया। इस प्रसाद के ग्रहण करने के साथ ही इस पर्व का 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ हो गया। मंगलवार की शाम बडी संख्या में छठ व्रतधारी महिलाएं बंधवा तालाब में एकत्र हुई और यहां अस्तगामी सूर्य को अध्र्य दिया। 18 नवंबर को सुबह उगते सूर्य को अध्र्य देने के साथ ही व्रती महिलाओं के छठ पूजा सम्पन्न होगी। पूजा समाप्ती के बाद ही महिलाएं प्रसाद ग्रहण करके व्रत तोडेगी। छठ धाट पर गन्ना, सुथनी, केला अमरूद, नारियल, साठी के चांवल का चिवडा, फेकवा, आदि से कल अध्र्य दिया जायेगा। डूबते सूर्य देवता को मंगलवार की शाम दुध, शहद, तिल एवं अन्य द्रव्य से अध्र्य दिया गया।