दिन दिनों चले सूर्यदेव की उपासना
रायगढ़ । भगवान सूर्य की उपासना का सबसे बड़ा पर्व छठ आज परंपरानुसार नहाय खाय से शुरू हुआ और रविवार को महिलाओं व घर के अन्य सदस्यों ने सबसे पहले घर की साफ-सफ ाई पश्चात छठ व्रती स्नान कर शुद्ध शाकाहारी भोजन पकाकर इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करके व्रत की शुरूआत की।
बिहार के तर्ज पर रायगढ़ में भी वर्षो से निवासरत यूपी, बिहार व झारखण्ड के लोग परंपरागत श्रद्धा व उल्लास के साथ छठ पर्व मनाते है और पवित्रता के साथ तीन दिनों तक भगवान सूर्यनारायण की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इसी क्रम आज 15 नवंबर को नहाय-खाय से इसकी शुरूआत हुई तथा छठ पर्व को मानने वाले धर्माविलंबियों ने पूरे घर को पवित्र करने के बाद उसी पवित्रता के साथ कद्दू की सब्जी चने की दाल तथा चांवल बनाकर प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण किया। इस दिन लहसून प्याज पर पूर्णत: प्रतिबंध होता है। छठ पर्व के दौरान भगवान सूर्यदेव को प्रात: काल में सूर्य की पहली किरण और सायंकाल में सूर्य की अंतिम किरण को अध्र्य देकर नमन किया जाता है। सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारण इसे छठ कहा गया है। मान्यता अनुसार इसे सुख-समृद्धि व मनोकामना पूर्ति का पर्व माना गया है। जिसका आरंभ कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी से आरंभ होगा। सप्तमी तक चलता है तथा व्रत के दौरान 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर ागवान भुवनाास्कर सुर्य नारायण की उपासना की जाती है।
लोहंडा व खरना आज
छठ पर्व के दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल की पंचमी को व्रतधारी दिनार उपासना रखने के बाद शाम को भोजन ग्रहण करते है जिसे खरना कहते है। खरना की मिट्टी व पीतल के बर्तन में गूड की खीर, चावल का पिट्ठा, घी चुपडी रोटी बनाकर व्रती इसे ग्रहण करते है इसमें नमक व शक्कर का उपयोग नही किया जाता। इस रस्म में आसपास के लोगों को निमंत्रित भी किया जाता है ताकि मिल बांटकर सभी लोग इस प्रसाद का सेवन कर सकें।
किरोड़ीमल नगर में दिखेगी छठ की आलौकिक छटा
शहर से सटे नगर पंचायत किरोड़ीमल नगर में छठ पूजा महोत्सव का आयोजन साल दर साल भव्यतम व विशाल रूप लेता जा रहा है। विगत 25 वर्षो से यहां यह त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। जिसमें उत्तरप्रदेश, बिहार , झारखण्ड के श्रद्धालुओं के अलावा अन्य प्रदेश के लोग भी बढ़-चढकर भाग लेते है। कल नहाय-खाय से शुरू त्यौहार 17 नवंबर को डूबने सूर्य को अध्र्य व 18 नवंब को सूर्य को अध्र्य के साथ सपन्न होगा।
किरोडि़मल का छठ पूजा धीरे-धीरे क्षेत्र में प्रसिद्ध होता जा रहा है। पूजा आयोजन में स्थानीय समिति को जिंदल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड का प्रतिवर्ष विशेष योगदान व सहयोग रहता है, जिसमें पूजा के महत्व व श्रद्धा में जेएसपीएल के वरिष्ठ अधिकारी एमएल गुप्ता व अन्य अधिकारीगण स्वयं मानीटरिंग में लगे रहते है। स्थानीय छठ सेवा समिति के पदाधिकारी विशेष रूप से त्यौहार के आयोजन को सफल बनाने में दिन-रात जुटे रहते है। नगर पंचायत के कर्मचारी भी घाट पर सेवा कार्य में लगे रहते है। इस सार्वजनिक आयोजन में प्रतिवर्ष 10 हजार से उपर श्रद्धालु व भक्तगण शरीक होते है। जिसमें यहां उक्त दिवस मेले सा माहौल बना रहता है।
छठ पर्व हिन्दु धर्म का सबसे कठिन पर्व है माना जाता है।