शांति व समझौते की बात कर रहे पाकिस्तान की पोल एक बार फिर इस नौका कांड ने खोल दी है। 26/11 हमले के गुनहगारों जकी-उर-रहमान लखवी की जमानत व सईद नकवी जैसों को दूध पिलाने की पाकिस्तानी नीति का ही असर है कि आतंकी फिर मुंबई हमला दोहराने की कोशिश करने लग गए। पाकिस्तानी हुक्मरानों व आइएसआइ की आतंकियों के प्रति नरम नीति से उत्साहित आंतकी फिर समुद्री सीमा से भारत पर हमले के लिए निकल पड़े।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह नौका कांड पूरी तरह से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ समर्थित आतंकी संगठनों द्वारा प्लॉट किया गया है। इसके पीछे लश्कर का हाथ होने के संकेत मिल रहे हैं। पाक के बिगड़े घरेलू हालात से ध्यान बंटाने व भारत में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की यात्रा से पहले मुंबई हमला दोहराने की साजिश में आतंकी आका सक्रिय रहे हैं। साथ ही, जिस तरह से लखवी व सईद जैसे तत्वों को बचाने व उन्हें निर्दोष साबित करने की पाक कोशिश करता रहा है, उसने भी आतंकियों की हौसला आफजाई की।
भारत के खिलाफ हमेशा विषवमन करने वाले व मुंबई हमले के प्रमुख सूत्रधारों में एक सईद के बचाव में पाक खुलकर सामने आता रहा। लखवी की भी जमानत हो ही गई थी वह तो भारत व अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते उसे फिलहाल जेल में रखा गया है। मगर जिस तरह कानूनी कार्रवाई पाक में चल रही है, उससे साफ है कि लखवी भी शायद ही बहुत दिनों तक जेल में अंदर रहे।
गौरतलब है कि मुंबई कांड में जमात प्रमुख सईद का नाम आने के बावजूद पाक ने उस पर शिंकजा कसने से बचने के ही संकेत दिए थे। वह तो संयुक्त राष्ट्र का दबाव कुछ ऐसा था कि पाक को थक हारकर उसे नजरबंद करना पड़ा था। मगर पाकिस्तानी अधिकारियों ने हाई कोर्ट में सईद के खिलाफ मुंबई कांड से जुड़े साक्ष्य पेश ही नहीं किए थे और अंतत: वह आजाद घूम रहा है।
पिछले माह दिसंबर में भारत में पाक के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने पाकिस्तानी सेना व सरकार के साथ हाफिज सईद की साझेदारी को सोमवार को न सिर्फ खुलकर कबूला, बल्कि उसकी तारीफ भी की। इस बारे में पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि हाफिज सईद पाक के नागरिक हैं। इसलिए वह मुल्क में कहीं भी आने-जाने को आजाद हैं। इसमें समस्या क्या है? ..वो एक आजाद नागरिक हैं। ..अदालतों ने उन्हें बरी कर दिया है। उनके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं है।
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