खरसिया। नगर के छ़परीगंज में उस समय सनसनी फैल गयी जब छपरीगंज में स्थित पंजाब नेषनल बैंक की शाखा का अलार्म जोर जोर से बजने लगा। मामले की गंभीरता को देखते हुये तत्काल सूचना पुलिस को दी गयी पुलिस तो दो मिनट में मौके पर पहुंच गई परंतु घटना के एक घंटे बाद भी बैंक प्रबंधन मौके पर नहीं पहुंच पाया।
विदित हो कि खरसिया नगर का नाम औद्यौगिक नगरी के रूप में विख्यात है आस पास के क्षेत्र में दर्जनों की संख्या में पावर प्लान्टों के स्थापित होने से जहां लोागें की आवाजाही बढ़ी है वहीं नगर के व्यापार में भी वृद्वि हुयी है, जिसका फायदा उठाने सरकारी तथा गैर सरकारी बैंको ने अपनी शाखाएं नगर में खोल ली है, किन्तु प्रतिस्पर्धा की दौड़ में अंधाधुध दौड़ लगााते इन बैंकर्स के द्वारा अपना एकमात्र उद्देष्य अधिक से अधिक ग्राहक बनाना तथा लाभ कमाना बना लिया है। आरबीआई के निदेर्षों का जमकर मखौल उड़ाते हुये इन बैंको के द्वारा ग्राहको से शुल्क तो मनमाना वसूल किया जा रहा है परंतु उन्हे अपेक्षित सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। कमोबेष यही हाल नगर के सभी बैंको का है न तो किसी के पास पार्किंग की व्यवस्था है न हीं सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम, जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है। एैसा ही एक वाक्या आज सुबह लगभग सात बजे नगर के छ़परीगंज स्थित पंजाब नेषनल बैंक की शाखा में घटित हुआ जब अचानक बैंक का सायरन तेज आवाज में बनजे लगा। किसी अनहोनी की आषंका से मोहल्लेवासी आतंकित हो गये। चैकी प्रभारी डीएन शुक्ल को सूचना मिलने पर उन्होंने तत्काल अपने मातहतों को शाखा में भेजा तब तक बैंक के पास भीड़ जमा हो गयी थी। पुलिस टीम ने पहुंचते ही बैंक के कर्मचारियों से संपर्क करने का प्रयास किया परंतु घटना के एक घंटे बाद तक कोई जिम्मेदार अधिकारी बैंक परिसर में नहीं पहुंच सका। एक घंटे के बाद एक व्यक्ति पहुंचा और बैंक का मुख्यद्धार खोला गया तथा बैंक के अंदर जाकर देखने पर सब कुछ़ ठीक मिलने पर बैंक कर्मचारी और पुलिस पार्टी ने राहत की सांस ली।
लचर है सुरक्षा व्यवस्था
पीएनबी की इस शाखा की सुरक्षा व्यवस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अलार्म बनजे के दो मिनट बाद पुलिस टीम पहुंच गयी परंतु बैंक के अधिकारी तो दूर कर्मचारी को चाबी लेकर पहुंचने में एक घण्टे का समय लग गया। वह तो शुक्र है कि किसी तकनीकी खराबी की वजह से अलार्म बज गया था लेकिन अगर कल को कोई गंभीर घटना घटित हो जाये तो उससे निपटने के लिये बैंक के पास पर्याप्त इंतजाम नहीं है। गौरतलब है कि बैंक की इस शाखा के प्रबंधक अखिलेष जैन खरसिया में नहीं वरन् रायगढ़ में रहते हैं और प्रतिदिन खरसिया से रायगढ़ आना जाना करते हैं। अगर कभी उन्हे शाम को या रात को रायगढ़ से खरसिया आना पड़ा तो एक से दो घण्टे उन्हे रायगढ़ से आने में ही लग जायेंगे और तब तक पुलिस भी कोई कार्यवाही नहीं कर पायेगी क्योंकि जब तक बैंक का कोई सक्षम अधिकारी मौके पर मौजूद ना हो तब तक पुलिस भी उनके इंतजार में खड़ी रहेगी।
लोगों की पूंजी केवल एक ताले के भरोस
बैंक जैसे संस्थान जहां आम आदमी की करोड़ों की पूंजी जमा है वहां के सुरक्षा के संबंध में आरबीआई के द्वारा समय समय पर निर्देष जारी किये जाते है तथा उनका जायजा भी लिया जाता है परंतु ये निर्देष शायद पीएनबी के शाखा प्रबंधक को सुनाई नहीं देते क्योंकि भीतरी सुरक्षा की बात तो दूर बैंक के शटर तक में दोनों साईड़ ताला लगााना तक ये जरूरी नहीं समझते, सिर्फ एक ताला बंद करके लोगों की गाढी कमाई का पैसा भगवान भरोसे छोड देते हैं।
चाबी गलती से घर ले गया-मैनेजर
इस सम्बंध में बात किये जाने पर मैनेजर अखिलेश जैने ने स्वीकार किया कि बैक की चाबी गलती से कल मै ले गया था जिस वजह से ताला खुलने में विलंब हुआ, रही बात अलार्म की तो उसके बजने के कारणों का पता नहीं चला है। तकनीकी टीम को बुलाया गया है उनकी जांच के बाद ही पता चल पायेगा कि अलार्म क्यों बजा। फिलहाल बैक में कोई अप्रिय घटना घटित नहीं हुयी है।