[aph] खरसिया : [/aph] राजपूत समाज खरसिया के द्वारा महाराणा प्रताप जयंती समारोह का आयोजन धूमधाम से किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि के रूप मे प्रख्यात साहित्यकार राश्ट्रकवि डाॅ. बृजेष सिंह उपस्थित थे। महाराणा प्रताप के चित्र पर माल्यार्पण के पष्चात सभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राश्ट्रकवि डाॅ. बृजेष सिह ने कहा कि महाराणा प्रताप को भारतीय अस्मिता के पुरोधा के रूप में याद किया जाता है। देष की अस्मिता पर जब संकट के बादल मंडराये थे उस समय महाराणा प्रताप ने स्वतंत्रता के पौधे को अपने रक्त से सींचा था। समिति साधन के बाद भी मेवाड ने आक्रांताओ का सतत् सामना किया। डाॅ. बृजेष सिंह ने महाराणा प्रताप को अमर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी निरूपित करते हुए निर्दिश्ट किया कि षिवाजी, छत्रसात से लेकर अंग्रेजो के विरूद्व स्वतंत्रता संग्राम मे प्रताप क्रांतिकारियों के प्रेरणास्त्रोत रहे तथा हल्दीघाटी वीरों के तीर्थ के रूप में प्रतिश्ठा प्राप्त की। महाराणा प्रताप पहले भी प्रासंगिक थे आज भी है और आगे भी प्रासंगिक होगे। अर्जुन सिंह ने महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व कृतित्व पर प्रकाष डालते हुए कहा कि विशम परिस्थितियों मे भी महाराणा प्रताप ने स्वतंत्रता का परचम फहराते हुए भारतीय अस्मिता की रक्षा की विषाल मुगल सेना को मेवाड मे पराजय का सामना करना पडा। राश्ट्रकवि डाॅ. बृजेष सिंह ने आहुति महाकाव्य की जो उनके द्वारा रचित राश्ट्रीयता के महाकाव्य के रूप मे जाता है। के राश्ट्रीय भाव धारा के घंटो की प्रस्तुति कर जनमानस को रोमांचित कर दिया। इस अवसर पर राश्ट्रकवि डाॅ. बृजेष सिंह को उनकी विष्श्टि साहित्यिक उपलब्धि पर षाल, श्रीफल से भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर खिलावन सिंह भुवाल ने भी समाज के लोगो को संबोधित किया । इस अवसर पर राजपूत समाज के अध्यक्ष अर्जुन सिंह ठाकुर, सचिव मनमोहन सिंह, कोशाध्यक्ष गुलाब सिंह, रोषन सिंह, दिगम्बर सिंह, दादूदिलावर सिंह, जीतेंद्र सिंह, बादल सिंह, सुजीत सिंह, रमेष सिंह, रामष्रण सिंह, कमलसिंह, अषोक सिंह, भानूप्रताप सिंह, अंकित सिंह, आकाष सिंह, राजा ठाकुर, पंकज सिंह सहित बडी संख्या में राजपूत समाज के युवाओं के अलावा महिलाएं भी उपस्थित रहे।
इसके पूर्व सुबह राजपूत समाज के लोगो द्वारा षासकीय चिकित्सालय पहुंच अस्पातल में भर्ती मरीजो ंएवं उनके परिजनों को फल वितरण किया गया । षाम को राजपूत समाज के लोगो द्वारा एक षोभा यात्रा निकाली गई जो स्थानीय कन्या विवाह भवन से प्रारंभ होकर षहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए कार्यक्रम स्थल कन्या विवाह पहुंच षोभा यात्रा का समापन हुआ। इसके पष्चात महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर आयोजित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें प्रतिभावान छात्र छात्राओं को मुख्य अतिथि ठा. बृजेष सिंह द्वारा पुरस्कार एवं प्रषस्ती पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया ।