भविष्य दृष्टि युवा सृष्टि
सुनियोजित प्रयास, समर्पण व दृढ निश्चय सफलता के लिए जरूरी-कमलदेव
रायगढ़, 20 जनवरी 2015/ रायगढ़ जिले के युवाओं विशेषकर संघ लोक सेवा आयोग एवं छत्तीसगढ लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए कलेक्टर श्री मुकेश बंसल के मार्गदर्शन में आज सृजन भवन में कैरियर कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। भविष्य दृष्टि-युवा सृष्टि कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित इस कार्यशाला में लगभग 600 युवाओं ने बडी तन्मयता से भाग लिया। चार घंटे तक चली कार्यशाला में प्रतिभागी युवाओं ने न सिर्फ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के बारे में पूरे मनोयोग से जानकारी प्राप्त की बल्कि कार्यशाला के अंत में देश के ख्यातिप्राप्त काऊंसलर तथा निर्माण आईएएस संस्था नई दिल्ली के संस्थापक श्री कमल देव से अपने प्रश्नो एवं जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। सिविल सेवा परीक्षा के लिए यह कार्यशाला जिला प्रशासन और निर्माण आईएएस दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की गई थी। यह कार्यशाला युवाओं में प्रतियोगी परीक्षाओं विशेषकर सिविल सेवा को लेकर उनके मन में नया उत्साह और जोश भरने में बेहद सफल रही। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों ने एकाग्रचित होकर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नीलेश क्षीरसागर, सहायक कलेक्टर श्री गौरव कुमार सिंह, प्रख्यात कैरियर काऊंसलर श्री कमल देव एवं श्री प्रवीण झा को सुना और गुना। इस मौके पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री सी.एल. जायसवाल, कार्यक्रम के नोडल अधिकारी श्री राजेश डेनियल उपस्थित थे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान युवाओं के मन में तरह-तरह के विचार आते है और भटकाव की स्थिति बनती है। इस कार्यशाला में युपीएससी की तैयारी, के बारे में विशेषज्ञ आपका मार्गदर्शन करेंगे। प्रशासन का उद्देश्य सिर्फ यह है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को एक दिशा मिले और ज्यादा से ज्यादा रायगढ़ के युवा सिविल सेवा परीक्षा में चयनित होकर जिले को और समाज को गौरवान्वित करें। कार्यशाला के प्रारंभिक सत्र में सहायक कलेक्टर श्री गौरव कुमार सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं एवं अन्य सेवाओं के बारे में जानकारी देने एवं उनके मार्गदर्शन के लिए आज से दो माह पूर्व भविष्य दृष्टि-युवा सृष्टि कार्यक्रम के माध्यम से एक बीज बोया गया था जो आज एक पौधे का रूप ले लिया है। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान के विषय विशेषज्ञों के माध्यम से प्रतियोगियों के मार्गदर्शन का यह तीसरा चरण है। उन्होंने कहा कि भविष्य दृष्टि-युवा सृष्टि कार्यक्रम के तीन चरण और बाकी है। उन्होंने इस कार्यशाला का लाभ उठाने की अपील की।
कार्यशाला को निर्माण आईएसएस नई दिल्ली के संस्थापक श्री कमल देव ने अपने व्याख्यान के माध्यम से युपीएससी परीक्षा पैटर्न तथा पढाई-लिखाई के तौर-तरीके के बारे में बेहद उपयोगी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सुनियोजित प्रयास, समर्पण और दृढ निश्चय से सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने प्रतिभागियों से अपने मन को कभी टूटने न देने तथा सफलता हासिल करने के लिए अपने आप में जुनून पैदा करने का आव्हान किया। श्री देव ने कहा कि युपीएससी की परीक्षा न तो जठिल है, न ही कठिन बशर्ते कि आप अपने मन में ठान ले कि हमें आईएएस बनना है इसके लिए सुनियोजित तरीके से मन से जूट जाए। उन्होंने कहा कि जिस दिन हम अपने मन में यह ठान ले कि असफलता सफलता की ओर हमारा एक बढता हुआ कदम है तब हम परिश्थितियों के मोहताज नहीं होंगे। परिश्थितियों को हम अपने अनुरूप ढालने में कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए रणनीति और प्रस्तुतिकरण पर ध्यान देना होगा। क्या, क्यूँ और कैसे इनका जवाब प्रतियोगी को आना चाहिए। उन्होंने सामान्य अध्ययन, सीसेट के प्रश्न पत्र में शामिल विषयों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी और कई उपयोगी किताबों के बारे में भी बताया। समय प्रबंधन, रूचि का विषय का चुनाव, मुख्य परीक्षा की तैयारी आदि के बारे में भी उन्होंने प्रतिभागियों के प्रश्नों का विस्तार से उत्तर दिया।
कार्यशाला में निर्माण आईएसएस दिल्ली के काऊंसलर श्री प्रवीण झा ने अपने लाजवाब अंदाज में प्रतिभागियों को सामान्य अध्ययन से जुडे कई प्रश्नों के उत्तर को सिलसिलेवार याद करने के तौर-तरीके भी बताए। उन्होंने संविधान के नीति-निर्देशक तत्व, देश के राष्ट्रपति के क्रम और नाम सहित अन्य कई बातों को याद रखने के रोचक तरीके भी बताए। प्रतिभागियों को उन्होंने प्रतियोगिता दर्पण, सम-सामयिक विषयों के अध्ययन, समाचार पत्र नियमित रूप से पढने की सलाह दी। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में सम-सामयिक प्रश्न कैसे आते है इसके बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य सिर्फ आपको दिशा देना है, लगन के साथ अध्ययन करने की जिम्मेदारी आपकी है। इस बीच श्री पवन देव ने प्रतिभागियों को सामान्य अध्ययन की तैयारी के लिए एनसीआरटी की कक्षा 6 वीं, 7 वीं एवं 8 वीं की भूगोल विषय के पुस्तक, कक्षा 12 वीं की आधुनिक भारत का इतिहास तथा भारत में लोकतंत्र एवं चुनौतियाँ जैसे किताबों का गहन अध्ययन करने को कहा।
कार्यशाला में सहायक कलेक्टर श्री गौरव कुमार सिंह ने मात्र 15 मिनट के अपने व्याख्यान के दौरान प्रतिभागियों के सामने भारतियों संविधान की पूरी रूपरेखा बडे ही प्रभावी ढंग से न सिर्फ प्रस्तुत की बल्कि प्रतिभागियो को उसे रोचक तरीके से याद भी करा दिया। उन्होंने भारतीय संविधान के 22 अध्याय एवं 12 अनुसूचियो में शामिल विषयो की जानकारी देते हुए उसे भी प्रतिभागियो को कंठस्थ कराने में सफल रहे। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागी युवा बेहद उत्साहित थे। उन्होंने कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों द्वारा बताई जा रही अध्ययन की ट्रिक को आत्मसात करने के साथ ही उनके द्वारा पूछे जा रहे सवालों के जवाब भी खुलकर दे रहे थे।