[su_heading size=”18″ margin=”10″] शिक्षा गुणवत्ता प्रशिक्षण कार्यशाला में कलेक्टर के निर्देश [/su_heading]
रायगढ़ । राज्य की प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में अध्ययन- अध्यापन के स्तर तथा शालाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रदेश शासन द्वारा संचालित डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर आज यहां सृजन सभाकक्ष में जिला स्तरीय अधिकारियों की प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित हुई। कलेक्टर श्रीमती अलरमेल मंगई डी की विशेष मौजूदगी में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यशाला में अधिकारियों को शिक्षा गुणवत्ता अभियान के अंतर्गत शालाओं की स्थिति के आंकलन के लिए शासन द्वारा निर्धारित प्रश्नावली के भरने के तौर-तरीके की विस्तार से जानकारी दी गई।
कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने इस मौके पर समस्त अधिकारियों को शालाओं की स्थिति में अपेक्षित सुधार लाने के लिए प्रशासन द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी का गंभीरता से निर्वहन सुनिश्चित करने को कहा है। कलेक्टर ने अधिकारियों को प्रश्नावली के प्रश्नों का उत्तर देते समय विद्यार्थियों, पालकों एवं शिक्षकों से विस्तार से पूछताछ करने के साथ ही वहां की स्थिति को ध्यान में रखने की विशेष हिदायत दी। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा अधिकारियों को शालाओं में अध्ययन-अध्यापन एवं वहां की गतिविधियों में सुधार लाने की महती जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके निर्वहन में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने बताया कि जिले की 886 प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं को सी एवं डी ग्रेड मिला है, इन शालाओं को आगामी तीन माह के भीतर हम सबको प्रयास करके ए और बी ग्रेड में लाना है। उन्होंने अधिकारियों को गोद दी गई शालाओं का सप्ताह में अनिवार्य रूप से एक दिन दौरा कर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों तथा शाला प्रबंधन समिति से वहां की स्थिति को बेहतर बनाने व कमियों में सुधार लाने का प्रयास करने के निर्देश दिए।
कार्यशाला में मास्टर टे्रनर द्वारा शाला अवलोकन हेतु अधिकारियों के लिए तैयार की गई चेक लिस्ट के प्रश्नों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि शालाओं में बच्चों, शिक्षकों की उपस्थिति के साथ-साथ शाला प्रबंधन समिति की भूमिका, शाला विकास की योजना, शिक्षकों का बच्चों के साथ व्यवहार, शिक्षकों के अध्यापन के तौर-तरीके, शाला में सीखने का वातावरण, कक्षा अनुरूप पठन व लेखन कौशल, बच्चों की अभिव्यक्ति, गणितीय, वैज्ञानिक, अभिरूचि, सहायक शिक्षण सामग्री, स्वच्छता, प्रतियोगिताओं में बच्चों की सहभागिता, शाला का नियमित निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण के बारे में विशेष रूप से ध्यान देना है। उक्त परिस्थितियों का मूल्यांकन करते हुए चेक लिस्ट के प्रश्नों का उत्तर हां या ना में देना है। कार्यशाला में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नीलेश क्षीरसागर, अपर कलेक्टर श्री श्याम धावड़े एवं प्रियका महोबिया, सहायक कलेक्टर श्री ऋतुराज रघुवंशी, जिला समन्वयक राजीव गांधी शिक्षा मिशन श्री एम.आर.देवांगन, प्राचार्य श्री राजेश डेनियल सहित समस्त एसडीएम, सभी विभागों के अधिकारी, जनपद एवं नगरीय निकायों के अधिकारी उपस्थित थे।