बीते वर्ष किसान पंजीयन की जानकारी को ही आधार माना जाएगा
रायगढ़ – इस साल समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिए खरीफ सीजन 2014-15 में में धान खरीदी के लिए सोसायटियों में किसानों का पंजीयन को ही आधार माना जाएगा। बीते वर्ष धान बेचने के लिए पंजीयन करा चुके किसानों को इस साल पुन: पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है। नये किसानों को पंजीयन कराने अथवा बीते वर्ष पंजीयन करा चुके किसानों को अपनी जानकारी में आवश्यकतानुसार संशोधन के लिए 1 सितम्बर से 30 सितम्बर तक आवेदन देना होगा। खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 के लिए नये किसानों के पंजीयन का आधार तहसीलदार को होगा। किसान समिति से प्राप्त आवेदन को भरकर तहसीलदार को देगा। तहसीलदार द्वारा सभी साक्ष्यों को देखने और परीक्षण करने के बाद नये किसानों का पंजीयन किया जाएगा। यह जानकारी कलेक्टर श्रीमती अलरमेल मंगई डी ने आज यहां आयोजित समय-सीमा की बैठक में दी।
कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने कहा कि इस साल धान की खरीदी के लिए बीते वर्ष का किसान पंजीयन के डाटा का उपयोग किया जाएगा। यह संभव है कि बीते वर्ष में किसान पंजीयन के पश्चात कुछ किसानों द्वारा अपनी जमीन या उसका कुछ हिस्सा विक्रय कर दिया गया हो, अत: किसान का कुल रकबा एवं धान का रकबा की जानकारी में परिवर्तन हो सकता है। कलेक्टर ने पटवारी से समिति के सभी किसानों के रकबे की पुष्टि कराकर किसान पंजीयन में आवश्यकतानुसार संशोधन करने के निर्देश दिए है। उन्होंने पटवारियों को 4 सितम्बर तक पंजीकृत किसानों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश उप पंजीयक को दिए। डेटा परिवर्तन के पश्चात उसकी पर्ची निकालकर समिति किसानों को देगी। प्रत्येक समिति के किसान के धान के रकबे की पटवारी द्वारा शत्-प्रतिशत तहसीलदार द्वारा 10 प्रतिशत तथा एसडीएम द्वारा 5 प्रतिशत पुष्टि की जाएगी। इसके अतिरिक्त किसान यदि विगत वर्ष पंजीकृत अन्य जानकारी मोबाईल नंबर, बैंक खाता क्रमांक आदि में परिवर्तन चाहता है तो समिति में संशोधन के लिए आवेदन दे सकता है।
कलेक्टर ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 में धान उपार्जन के लिए किसान के पहचान हेतु आधार नंबर का किसान पंजीयन डाटा बेस में सीडिंग किया जाना है। किसानों से निर्धारित प्रपत्र में आधार नंबर प्राप्त करने के भी निर्देश दिए गए। इस साल किसानों को धान बेचने के लिए विक्रय दिनांक की सूचना समिति को निर्धारित प्रपत्र में देनी होगी।