रायगढ़। बुधवार को सुहागिनों ने पति के लंबी उम्र के लिए तीजा का पर्व मनाया गया। परंपरा के अनुसार सुहागिन महिलाओं ने निर्जला व्रत का पालन करते हुए शिव पार्वती की पूजा अर्चना कर पति के दीर्घायु होने की कामना की गई। हरतालिका तीज पर शहर के शिव पार्वती मंदिरों में महिलाओं ने पूजा अर्चना की।
बुधवार को तीज पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। पौराणिक कथाओं के अनुसार भारतीय परंपरा का निर्वहन करते हुए शहर में हरतालिका तीज मनाया गया। हरतालिका तीज मनाने की पीछे पौराणिक कथाओं के अनुसार शिव पार्वती की तरह सफल व परिपक्व दांपत्य जीवन की कामना के साथ कठिन व्रत का पालन करते हुए शिव पार्वती की आराधना कर मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पूरी तरह से सजधज कर व्रत का पालन करती हैं। सुहागिन महिलाएं शिव पार्वती की कथा सुनकर व पूजा कर मनोकामना पूर्ति की कामना की। हरतालिका तीज पर महिलाओं में जबरदस्त उत्साह रहता है। तीज पर्व पर सुहागिन महिलाएं मायके जाती हैं जहां तीजा के अवसर पर रतजगा करते हुए कजरी खेल कर गीत गाकर तीजा की उपासना करती हैं। गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले सुहागिनों ने पति के सुखद जीवन एवं दीर्घायु की कामना के लिए तीजा का व्रत रखा। बुधवार को घर-घर में हरितालिका व्रत पूजा की गई। सुबह से घरों में महिलाएं पूजा की तैयारियों में जुटी रहीं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवी पार्वती से विवाह का प्रस्ताव लेकर भगवान विष्णु उनके पिता राजा हिमवान के पास गए थे और हिमवान ने भगवान विष्णु का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया था। देवी पार्वती पहले ही शिव को अपने पति के रूप में मान चुकी थी। वे गृह त्याग कर दुर्गम वन की ओर चली गईं और वहां शिवलिंग की स्थापना कर शिव को पाने के लिए कई वर्षों तक कठोर व्रत और तप किया। उनके तप से प्रसन्न होकर शिव प्रकट हुए और उनसे वर मांगने को कहा,तब पार्वती ने उन्हे अपने पति के रूप में मांग लिया। इसी मान्यता को लेकर महिलाएं अपने पति के लिए भाद्रपद शुक्ल तृतीया में हस्त नक्षत्र में हरितालिका व्रत करते हुए शिव-पार्वती की पूजा करतीं हैं।