रायगढ़। जिले के ज्यादातर अतिशेष सहायक शिक्षक पंचायत जहां अन्य जिले में नौकरी के लिए जाना नहीं चाहते। वहीं गैर अतिशेष सहायक शिक्षक जिले से बाहर जाने की सहमति जता रहे हैं। बुधवार को जिला पंचायत में जिले के बाहर जाने के लिए की गई काउंसिलिंग में जहां 193 सहायक शिक्षकों ने सहमति जताई है। वहीं सिर्फ तीन अतिशेष सहायक शिक्षक ने अपनी सहमति दी है। हालांकि 672 में से 42 अतिशेष शिक्षक पूर्व में अपनी सहमति हुए थे, लेकिन शासन के निर्देशानुसार सभी अतिशेष सहायक शिक्षकों को जिले से बाहर भेजा जाना है।
प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए शासन की ओर से अतिशेष शिक्षकों को अलग-अलग जिलों में समायोजित करने की कार्रवाई की जा रही है। इसी तारतम्य में इस जिले के 672 अतिशेष सहायक शिक्षकों को रिक्त पद वाले जिले में भेजने की कार्रवाई की जा रही है। जिला पंचायत के सूत्रों के मुताबिक अन्य जिलों में सहायक शिक्षकों को भेजने के लिए बुधवार को दूसरी बार काउंसिलिंग की गई। बताया जाता है इस काउंसिलिंग में सिर्फ तीन अतिशेष सहायक शिक्षक ही पहुंचे। हालांकि गैर अतिशेष शिक्षकों की संख्या 193 रही। काउंसिलिंग में उपस्थित सहायक शिक्षकों को अन्य जिले में जाने के लिए सहमति ली गई। जिसमें तीन अतिशेष सहायक शिक्षकों ने क्रमश: जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार व मुंगेली जिले में जाने की सहमति दी। दूसरी तरफ काउंसिलिंग में उपस्थित 193 गैर अतिशेष सहायक शिक्षकों ने अन्य जिले में जाने की इच्छा व्यक्त की। जिससे उपस्थित गैर अतिशेष शिक्षकों से अपनी इच्छा के अनुरूप जिले में जाने के लिए सहमति ली गई है, लेकिन अब भी समस्या का समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। सूत्रों के अनुसार अतिशेष सहायक शिक्षकों को जिले से बाहर भेजने के निर्देश हैं। परन्तु ज्यादातर अतिशेष सहायक शिक्षक तो काउंसिलिंग में भी नहीं पहुंचे। जिससे स्थिति जस की तस है। हालांकि बुधवार को हुई काउंसिलिंग में उपस्थिति देने वाले सभी 193 गैर अतिशेष सहायक शिक्षकों से सहमति लेकर शासन से मार्गदर्शन मांगने की कार्रवाई की गई है। बताया जाता है कि 193 गैर अतिशेष सहायक शिक्षकों में से 123 ने जांजगीर-चांपा जिला जाने के लिए सहमति दी। इसीतरह 20 लोगों ने बलौदाबाजार, एक बीजापुर, पांच राजनांदगांव व 15 लोगों ने रायपुर जिलें में जाने पर सहमति जताई है। साथ ही एक सहायक शिक्षक कवर्धा व 12 लोग मुंगेली के अलावा 16 गैर अतिशेष सहायक शिक्षक कोरबा जिला जाना चाह रहे हैं। उनकी सहमति मिलने पर उन्हें संबंधित जिलों में भेजा तो जा सकता है, लेकिन इसके लिए शासन से हरी झंडी मिलना आवश्यक है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की संभव है। बहरहाल जिले के 672 अतिशेष सहायक शिक्षकों में अब तक सिर्फ 45 लोगों ने अपनी सहमति दी है। जिससे लगता है कि आने वाले दिनों में शासन के अगले निर्देश के बाद ही गैर अतिशेष सहायक शिक्षकों को जिले से बाहर भेजने के संबंध में कार्रवाई हो सकेगी।