भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2004 बैच की अधिकारी श्रीमती अलरमेल मंगई डी ने आज सुबह 10.30 बजे रायगढ़ कलेक्टर का पदभार ग्रहण कर लिया। प्रभारी कलेक्टर एवं अपर कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने उन्हें पदभार सौपा। एक जनवरी 1948 को जिले के गठन के बाद 43 कलेक्टर यहां पदस्थ हुए है। श्रीमती अलरमेल मंगई डी जिले की 44 वीं एवं प्रथम महिला कलेक्टर है। श्रीमती मंगई डी छत्तीसगढ़ प्रदेश के बस्तर अंचल के प्रवेश द्वार कांकेर से स्थानांतरित होकर पूर्वी छोर के जिले रायगढ़ आई हैं। रायगढ़ के निवृतमान कलेक्टर श्री मुकेश बंसल को राज्य शासन द्वारा राजनांदगांव जिले का कलेक्टर बनाया गया है।
[pullquote-left]तमिलनाडु के कोयमबटुर की रहने वाली निवासी श्रीमती अलरमेल मंगई डी एम.काम. की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा में आयीं है। छत्तीसगढ़ कैडर में आने के बाद श्रीमती मंगई डी की पहली पदस्थापना बस्तर जिले में सहायक कलेक्टर के रूप में हुई। राज्य शासन द्वारा श्रीमती मंगई डी को इसके पश्चात दंतेवाड़ा में एसडीएम बनाया गया। इसके पश्चात वे दंतेवाड़ा में ही 2008 में अतिरिक्त कलेक्टर भी रहीं। तत्पश्चात उन्हें जिला पंचायत कोरबा का मुख्य कार्यपालन अधिकारी बनाया गया। श्रीमत मंगई डी 10 सितम्बर 2010 को महासमुंद जिले की कलेक्टर बनी। इसके पश्चात उनकी पदस्थापना 25 जुलाई 2012 को उत्तर बस्तर कांकेर कलेक्टर के रूप में हुई। रायगढ़ उनके लिए तीसरा जिला है, जहां उन्हें कलेक्टर बनाया गया है। कलेक्टर के पदभार ग्रहण के अवसर पर अपर कलेक्टर श्री श्याम धावड़े, सहायक कलेक्टर श्री गौरव कुमार सिंह, संयुक्त कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया एवं श्री के.एस.मण्डावी, जिला कोषालय अधिकारी श्री कुरूवंशी, अधीक्षक श्री गोवर्धन देवांगन, श्री राजेश मेहरा, सत्येन्द्र मेहर सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। [/pullquote-left]
अब तक रायगढ़ जिले में पदस्थ रहे कलेक्टर
रायगढ़ जिले की स्थापना एक जनवरी 1948 को हुई। जिले के प्रथम कलेक्टर श्री आर.के.मिश्रा रहे। इसके पश्चात श्री जे.के.वर्मा 14 फरवरी 1948 से 12 मई 1948 तक जिले के कलेक्टर रहे। श्री एस.एल.वर्मा 12 मई 1948 से 14 जून 1950, श्री बी.पी.पाठक 14 जून 1950 से 23 जून 1951, श्री आर.के.शुक्ला 23 जून 1951 से 14 जुलाई 1954, श्री एन.सुन्दरम 14 जुलाई 1954 से 14 फरवरी 1955, श्री टी.सी.ए.रामानुजाचारी 14 फरवरी 1955 से 28 अक्टूबर 1956, श्री आर.पी.मिश्रा 28 अक्टूबर 1956 से 17 मई 1957, श्री लालशंखधर सिंह 17 मई 1957 से 11 जुलाई 1959, श्री जे.पी.मिश्रा 11 जुलाई 1959 से 2 जून 1961, श्री ए.एम.कदम 2 जून 1961 से 3 अक्टूबर 1961, श्री आर.पी.तिवारी 10 अक्टूबर 1961 से 12 फरवरी 1963, श्री एस.एस.मुखर्जी 21 फरवरी 1963 से 5 जून 1964, श्री व्ही.एन.राजगोपालन 21 फरवरी 1964 से 21 जून 1967, श्री वी.जे.हिरजी 21 जून 1967 से 8 सितम्बर 1967, श्री ए.के.बनर्जी 9 सितम्बर 1967 से 28 अगस्त 1969, श्री ए.एस.भटनागर 11 जून 1969 से 16 जून 1972, श्री आर.के.गुप्ता 16 जून 1972 से 14 अक्टूबर 1973, श्री डी.एस.बासवान 2 दिसम्बर 1973 से 5 अगस्त 1974, श्री अरूण कुमार 5 अगस्त 1974 से 26 मई 1975, श्री के.शंकर नारायणन 26 मई 1975 से 18 अगस्त 1975, डॉ.एस.सी.मजूमदार 18 अगस्त 1975 से 18 जून 1978, श्री एस.बनर्जी 19 जून 1978 से 28 जून 1982, श्री फतेह बीर बहादुर 28 जून 1982 से 3 मार्च 1983, श्री ए.के.सिंह 21 मार्च 1983 से 8 अगस्त 1984, श्री एस.एम.कुमार 5 जुलाई 1984 से 8 जून 1986, श्री आर.के.कश्यप 27 जून 1985 से 21 जून 1986, श्री पी.के.दाश 21 जून 1986 से 4 फरवरी 1989, श्री जे.पी.राय 12 फरवरी 1989 से 20 फरवरी 1991, श्री हर्षमंदर 28 फरवरी 1991 से 17 दिसम्बर 1991, श्री जयदीप गोविन्द 15 जनवरी 1992 से 27 जुलाई 1993, श्री डी.पी.तिवारी 27 जुलाई 1993 से 17 नवंबर 1995, श्री शैलेन्द्र सिंह 25 नवंबर 1995 से 19 मार्च 1998, श्री आई.सी.पी.केशरी 19 मार्च 1998 से 23 दिसम्बर 2000, श्री एस.एन.धु्रव 24 दिसम्बर 2000 से 2 जुलाई 2002, श्री सुबोध कुमार सिंह 3 जुलाई 2002 से 24 जुलाई 2004, श्री आर.एस.विश्वकर्मा 24 जुलाई 2004 से 4 फरवरी 2006, डॉ.एस.के.राजू 7 फरवरी 2006 से 28 अप्रैल 2007, श्री ठाकुर राम सिंह 1 मई 2007 से 12 दिसम्बर 2008, श्री एम.के.त्यागी 22 दिसम्बर 2008 से 15 फरवरी 2010, श्री ए.के.अग्रवाल 15 फरवरी 2010 से 6 मई 2011, श्री अमित कटारिया 6 मई 2011 से 10 अप्रैल 2013 तथा श्री मुकेश बंसल 11 अप्रैल 2013 से 24 फरवरी 2015 तक जिले के कलेक्टर रहे।
स्वच्छ और संवेदनशील प्रशासन
कलेक्टर श्रीमती अलरमेल मंगई डी ने पदभार ग्रहण करने के बाद जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि स्वच्छ, पारदर्शी एवं संवेदनशील प्रशासनिक व्यवस्था कायम करना उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने यह भी कहा कि शासन की योजनाओं एवं कार्यक्रमों, निर्णयों का जिले में कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। कलेक्टर ने अधिकारियों को शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक सोमवार को अपने कार्यालय में अनिवार्य रूप से मौजूद रहने तथा जन सामान्य की समस्याओं एवं शिकायतों को प्राथमिकता से निराकृत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने मुख्यालय में रहे और बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। मुख्यमंत्री जनदर्शन, जन शिकायत निवारण प्रकोष्ठ तथा कलेक्टर जनदर्शन के माध्यम से मिले आवेदनों एवं शिकायतों का तत्परता से निदान किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में नियमित रूप से इसकी समीक्षा करेंगी। समर्थन मूल्य पर जिले में क्रय किए गए धान की कस्टम मिलिंग, सार्वजनिक वितरण प्रणाली को चुस्त-दुरूस्त बनाने के साथ ही राशन कार्ड धारियों एवं एलपीजी के कनेक्शन धारियों के आधार कार्ड व बैंक खाते का शत्-प्रतिशत लिंकेज कराना भी जिला प्रशासन की प्राथमिकता होगी। जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण की व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जाएगा।