खरसिया : महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत विकासखण्ड में आंगनबाड़ी एवं मिनी आंगनबाड़ी मिलाकर लगभग 450 से ज्यादा केन्द्र संचालित किया जाता है। जिसके अंतर्गत पढ़ने वाले बच्चों को पूरक पोषण आहार एवं गरम भोजन उपलब्ध कराने के लिए लगभग 450 महिला समूह भी कार्यरत है। प्रत्येक समूह में लगभग 10 महिलाएं रहती हैं। इस प्रकार अगर देखा जाए तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं महिला समूह के महिलाओं को मिलाकर लगभग 5-6 हजार महिलाएं इस विभाग से सीधी तरह जुड़ी हुुई हैं। महिलाओं की अस्मिता एवं उनके द्वारा समाज में किए जा रहे अच्छे कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए पूरे विष्व में 08 मार्च महिला दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। लेकिन खरसिया महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी एवं सेक्टर सुपरवाईजरों के द्वारा महिलाओं के सम्मान में किसी भी प्रकार का आयोजन करने की जहमत नही उठाई। जबकि राज्य सरकार के द्वारा रायपुर सहित प्रदेष के सभी हिस्सों में महिला दिवस पर विषेष कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देष था। रायपुर एवं जगदलपुर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी स्वंय शामिल होने पहुंची थी । उक्त कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ में महिला उत्थान एवं महिला जागरूकता से जुड़ी महिलाओं को बकायदा सम्मानित भी किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने निर्भया पेट्रोलिंग पार्टी के प्रभारी महिला सब इंस्पेक्टर को बकायदा उनके कार्यों के लिए सराहना करते हुए स्वंय फोन पर बातचीत भी किया था ।
[pullquote-right] अपने मूल उद्देष्यों से भटका महिला बाल विकास विभाग – महिलाओं को समाज की मुख्य धारा से जोड़ते हुए उनमें विभिन्न सामाजिक बुराईयों के प्रति लड़ने की प्रेरणा जगाने एवं महिलाओं के उपर होने वाले अत्याचार से उन्हे बचाने एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को उपयुक्त पोषण आहार दिलाने तथा शासन के विभिन्न कल्याणकारी योजनाओ की जानकारी देने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष लाखों करोड़ों का बजट स्वीकृत किया जाता है किन्तु विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों के द्वारा उक्त राशि का सदुपयोग करने के बजाय बंदरबाट कर अपनी जेंबे भरने में ज्यादा रूची दिखाई पड़ती है तभी तो शासन के विभिन्न आयोजनों में महिलाओं की सहभागिता करने की बजाय विभाग महज खाना पूर्ति करने में लगा हुआ है।[/pullquote-right]
मुख्यमंत्री निर्धन कन्या विवाह हेतु शहर में नही मिले जोड़े – गरीब परिवार को राज्य सरकार द्वारा शासकीय खर्चे पर परिवार बसाहट के उद्देष्य से मुख्यमंत्री निर्धन कन्या विवाह योजना के तहत निर्धन परिवारों को सामूहिक विवाह का आयोजन कर उक्त योजना का लाभ दिलाने की व्यवस्था है। लेकिन खरसिया शहरी क्षेत्र के 18 वार्डों के लगभग 20 हजार की जनसंख्या में एक भी गरीब परिवार से विवाह योग्य जोड़ा नही मिलना महिला बाल विकास विभाग की शहरी क्षेत्र में सक्रियता को दर्षाता है। जब उक्त योजना में शहर से एक भी शादी योग्य जोड़ा विभाग को नही मिला तो फिर ग्रामीण जोड़ों को शहरी क्षेत्र में बुलाकर उनकी शादी के बहाने विभाग के अधिकारी स्थानीय नेताओं से अपने पीठ थपथपाने हेतु उपरोक्त आयोजन करते है। यदि शासन के इस योजनाका व्यापक प्रचार प्रसार हो तो निष्चित तौर पे गरीबों को इसका लाभ मिलेगा।
रेडी टू ईट योजना के नाम पर चल रहा फर्जीवाड़ा – आंगनबाड़ी केन्द्रों में पढ़ने वाले बच्चों एवं क्षेत्र के कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती, षिषुवती, किषोरी बालिकाओं को पोषण आहार के रूप में पैकिंग में पोषण सामाग्री वितरण किए जाने का प्रावधान है किन्तु फर्जी महिला स्व. सहायता समूहों के नाम पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं विभाग के अधिकारियों के द्वारा मिलीभगत कर फर्जी आंकड़ों के आधार पर प्रतिमाह पोषण सामाग्री के नाम पर लाखों के बिल का आहरण किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों एवं पूरक पोषण आहार वितरण करने वाले हितग्राहियों की वास्तविक जांच यदि की जाए तो चैंकाने वाले परिणाम नजर आएंगे। पूरक पोषण वितरण हेतु संचालित महिला समूहों के द्वारा अधिकारियों के सह पर किए जा रहे फर्जीवाड़ा का खुलासा हो सकता है।