[pullquote-left] कलेक्टर ने कोयला खदान कंपनियों के प्रतिनिधियों की बैठक ली [/pullquote-left]
रायगढ़ : जिले की ऐसी कोयला खदानें जो नीलामी के बाद किसी अन्य कंपनी को आबंटित हुई है, उन कोयला खदानों से 31 मार्च रात्रि 12 बजे के बाद पूर्व अलाटी कंपनियां न तो कोयले का खनन कर सकेगी और न ही उसका परिवहन। निर्धारित तिथि के बाद पूर्व अलाटी कंपनियों को कोल ब्लाक नई अलाटी कंपनियों को सौंपना होगा। कलेक्टर श्रीमती अलरमेल मंगई डी ने उक्ताशय के निर्देश आज दोपहर कलेक्टोरेट सभाकक्ष में खनिज विभाग की जिला स्तरीय टॉस्क फोर्स समिति की बैठक में दी। बैठक में पुलिस अधीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला, अपर कलेक्टर श्री श्याम धावड़े, वनमंडलाधिकारी श्री पाण्डेय, खनिज अधिकारी श्री एस.एस.नाग, श्रम पदाधिकारी श्री यू.के.कच्छप, परिवहन अधिकारी श्री ठाकुर, क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी श्री आर.के.शर्मा सहित कोल ब्लाक कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने बैठक में शासकीय एवं निजी कंपनियों को कोल ब्लाकों की नये सिरे से हुई नीलामी तथा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी कोयला खदानें जो नीलामी में नई कंपनियों को आबंटित हुई है उन खदानों से पुरानी कंपनियां 31 मार्च को रात्रि 12 बजे तक ही कोयले का उत्खनन एवं परिवहन कर सकेंगी। इस मामले में किसी भी पूर्व अलाटी कंपनी को किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शासन के निर्देशानुसार माईनिंग लीज एरिया में अगर कोल वाशरी है तो उसे भी माईनिंग एरिया से बाहर ले जाना होगा, यानि माईनिंग लीज एरिया कटआफ पाईन्ट है। कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने कहा कि प्रशासन को इस बात की शिकायत मिल रही है कि पूर्व अलाटी कंपनियां कोल ब्लाक से कोयला निकालकर ऐसे स्थानों पर भंडारित कर रही है जहां के लिए उन्होंने विधिवत अनुमति नहीं ली है। उन्होंने कहा कि अवैध भंडारण के मामले में प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा। उन्होंने पूर्व अलाटी कंपनियों को खदानों को ठीक स्थिति में रखने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि पूर्व अलाटी कंपनियां कोयला खदानों के एरिया में गड़बड़ी कर रही है, ऐसी शिकायत भी प्रशासन को मिल रही है। पूर्व अलाटी कंपनियों का यह कृत्य उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि नई कंपनियों को कोयला उत्खनन में दिक्कत हो इसके कारण यह जान-बूझकर किया जा रहा है। कोयला खदान में कार्यरत श्रमिकों के बीच अफवाहें फैलायी जा रही है, यह स्थिति उचित नहीं है। शासन स्तर पर कोयला श्रमिकों के हित को लेकर विचार-विमर्श जारी है। प्रशासन भी इस मामले में संवेदनशील है। उन्होंने पूर्व अलाटी कंपनियों को इस बात की कड़ी हिदायत दी कि वह कानून व्यवस्था को बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें।
[pullquote-right] कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने पूर्व अलाटी कंपनियों को शासन के बकाया स्वत्व का भुगतान 31 मार्च से पूर्व करने की हिदायत दी। कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि 31 मार्च को जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम जिले की समस्त कोयला खदानों में तैनात कर दी जाएगी, जो वहां की स्थिति पर निगरानी रखेगी। बैठक में पूर्व अलाटी कंपनियों के द्वारा सीएसआर मद से संचालित जन सुविधा के कार्यो को सुचारू रूप से आगे भी संचालित रखने पर गहन विचार-विमर्श किया गया। कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने कहा कि नई अलाटी कंपनियों के माध्यम से जन सुविधा एवं जन कल्याण के कार्य आगे भी जारी रहेंगे। [/pullquote-right]
पुलिस अधीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला ने बैठक में कहा कि पूर्व अलाटी कंपनियों को कोयला खदानें यथास्थिति में बिना किसी व्यवधान अथवा विवाद के सहजता से हस्तांतरित की जानी चाहिए। उन्होंने पूर्व अलाटी कंपनियों के प्रतिनिधियों से इस मामले में सहयोग की अपेक्षा की। पुलिस अधीक्षक ने सभी से सुप्रीम कोर्ट के नियम का इस बात की अपील की कि लोगों के बीच किसी भी तरह की अफवाह न फैलाई जाए। कोल ब्लाक में जो श्रमिक कार्यरत है उनके हित संरक्षण का ध्यान रखा जाएगा। पुलिस अधीक्षक ने इस मौके पर श्रम पदाधिकारी यू.के.कच्छप को जिले के प्रत्येक कोल ब्लाक में कार्यरत श्रमिकों का श्रेणीवार विवरण तैयार कर संबंधित इलाके के एसडीएम को इसकी जानकारी देने को कहा। श्रम पदाधिकारी को श्रमिकों के मामलों को सहजता से निराकृत करने एवं इसके लिए शासन के प्रावधान की भी जानकारी देने की बात कही। बैठक में पूर्व अलाटी कंपनियों पर बकाया राशि एवं उनके द्वारा सरफेस राईट के लिए शासन के पास जमा की गई राशि की वापसी के संबंध में भी चर्चा की गई।
बैठक के प्रारंभ में खनिज अधिकारी श्री एस.एस.नाग ने जिला स्तरीय टॉस्क फोर्स समिति की बीते 30 नवंबर को आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय और उसके पालन के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मेरिन ड्राईव एवं चक्रधर नगर मार्ग में खनिज वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। रामपुर में नया बेरियर स्थापित किया गया है। बोईरदादर-इंदिरा विहार मार्ग की फिलिंग पूर्व में कराई गई थी। भारी खनिज वाहनों के आवागमन से यह मार्ग वर्तमान समय में फिर से खराब हो गया है। बीते 4 माह में बिना तालपतरी कोयला का परिवहन करने वाले 540 वाहनों पर कार्रवाई हुई। परिवहन अधिकारी ने बताया कि क्षमता से अधिक लोडिंग के मामले में 302 वाहनों से 52 लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया गया है।