[aps] पूर्व महापौर से निगम नही कर पा रहा है बकाया वसूली
डीजल की खपत के मामले में 1 लाख 80 हजार रूपये है बाकी [/aps]
रायगढ़ : शहर में यदि कोई हितग्राही निर्धारित अवधि में टैक्स व बकाया राशि जमा नहीं कर पाता है, तो निगम के द्वारा संबंधित हितग्राही के खाते में सरचार्ज जोड़ते हुए उससे वसूली की जाती है। यह नियम आम लोगों पर तो लागू होता है, लेकिन निगम के किसी ओहदे पर बैठे जनप्रतिनिधि व सत्तारूढ़ दल के नेताओं व पूर्व जनप्रतिनिधियों के लिए यह लागू नहीं होता। ऐसा ही मामला पूर्व महापौर महेंद्र चौहथा के मामले में देखने को मिल रहा है।
[aph] करीब छह महीने से अधिक समय हो चुका है। [/aph] अब तक तय मात्रा से अधिक डीजल खपत करने की करीब एक लाख 80 हजार रुपए की रिकव्हरी नहीं कर पाया है। निगम प्रशासन पूर्व महापौर से इस राशि को वसूली नहीं करना चाहता। अगर यही मामला किसी गरीब हितग्राही का होता तो शायद निगम उसके घर संपत्ति कुर्क करा लेती। शायद ये निगम का आम और खास के लिए दो तरह का व्यवहार है। निगम के पिछले कार्यकाल के तात्कालीन महापौर महेंद्र चौहथा द्वारा अपने पांच साल के कार्यकाल में उन्हें दिए गए सरकारी वाहन में स्वीकृति से ज्यादा डीजल का उपयोग किया था।
[highlight color=”yellow”]महापौर ने पांच वर्षों में शासन द्वारा तय मात्रा से तीन हजार लीटर से ज्यादा डीजल वाहन में डलवाया और उपयोग किया है।[/highlight] सरकारी वाहन में हर महीने 65 लीटर डीजल ले सकते हैं, लेकिन महेंद्र चौहथा ने लगभग उससे दोगुनी मात्रा में उपयोग किया । शासकीय काम में कम और घरेलू व राजनीतिक उपयोग के लिए ज्यादा वाहन का प्रयोग किया गया। 3060 लीटर डीजल की कीमत करीब एक लाख 80 हजार रुपए हो रहा है। यह मामला बीते साल नवंबर दिसंबर महीने का है। लेकिन अब तक पूर्व महापौर द्वारा इस राशि को निगम में जामा नहीं किया गया है।