बिलासपुर— पेन्ड्रा में मस्तूरी के एक मजदूर की मौत को लेकर आज कोटा विधायक रेणु जोगी प्रभारी कलेक्टर रानू साहू से मुलाकत की। कोटा विधायक ने कलेक्टर से जंगल की मौत पर दुख जताते हुए प्रशासनिक संवेदनहीनता की शिकायत भी की।
कलेक्टर से मुलाकात के बाद कोटा विधायक ने पत्रकारों से बताया कि जंगल की मौत सरकारी तंत्र की विफलता का सबसे बड़ा उदाहरण है। यदि ऐसा नहीं है तो एक सप्ताह के भीतर दो जिलों में दो मौत नहीं होती। कलेक्टर से हुए बातचीत की जानकारी देते हुए रेणु ने कहा कि हमने कलेक्टर से पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग करते हुए मनरेगा कार्यों का जल्द से जल्द भुगतान करने को कहा है। रेणु जोगी ने बताया कि हमने कलेक्टर से कहा कि यदि जंगल सिंह को समय पर मनरेगा मजदूरी का भुगतान सही समय पर हो जाता तो शायद आज उसका परिवार इस स्थित में नहीं होता।
पत्रकारों को जानकारी देते हुए रेणु जोगी ने कहा कि हमने कलेक्टर से कहा कि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए स्थानीय और बाहर से आने वाले मजदूरों के लिए सस्ता दालभात जैसा केन्द्र खोला जाए। ताकि लोगों की पेट की आग बुझ सके । उन्होंने बताया कि हमने प्रभारी कलेक्टर से ग्रामीण और दूरांचल क्षेत्रों में मुनादी और पम्पलेट के जरिए मनरेगा के कार्यों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाए जाने की मांग की है। बहुत कामगारों को योजना की जानकारी नहीं होती है जिसके चलते वे काम पाने से चूक जाते हैं। इस प्रकार के अभियान से उन्हें जानकारी मिलेगी। कामगार खुद बखुद सामने आ जाएंगे। रेणु जोगी ने बताया कि इस अभियान में पंच और सरपंच को भी विशेष रूप से शामिल करने के लिए कहा है।
आप पेन्ड्रा कब जा रही हैं मौत को लेकर अब आपकी क्या रणनीति होगी के सवाल पर रेणु जोगी ने कहा कि इस मामले में संगठन से विचार विमर्श किया जाएगा। संगठन और स्थानीय कार्यकर्ता जो निर्णय लेंगे उसी के अनुसार रणनीति तैयार होगी। जरूरत पड़ी तो पेन्ड्रा और जिला प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
अंबिकापुर में संगठन का सहयोग अमित जोगी को नहीं मिला फिर आपको क्यों लगता है कि प्रदेश संगठन आपका सहयोग करेगा। उन्होंने इस सवाल के जवाब में बताया कि हम गुटबाजी में विश्वास नहीं करते। लेकिन इतना तय है कि पेन्ड्रा पहुंचने के बाद जो कुछ भी निश्चित किया जाएगा उसकी जानकारी आपको हो जाएगी।
SOURCE – CGWALL