[aph] रायगढ़ : [/aph] जिले की बहुचर्चित कोल माईन्स बरौद कालरी से एक लम्बे वर्षों से अवरामुड़ा ग्राम होते हुए किये जा रहे कोल परिवहन से उड़ते हुए धूल डस्ट से समूचा ग्रामवासी हलाकान व परेशान हैं। घर द्वार पेड़ पौधे कपड़े सभी कोयले की काली परतों से ढके हुए होते हैं। तालाब, नदी, नाले, पोखरी का जल भी प्रदूषित हो चुका है। हैण्ड पम्प का पानी भी अब पीने योग्य नहीं रहा धोती कुर्ता सफेदी के जगह अपना रंग धोने के बाद परिवर्तित हो जाता है। एसईसीएल के जिम्मेदार अधिकारियों से जब ग्रामीण उड़ते हुए धूल डस्ट को नियंत्रित करने की गुहार लगाते हैं। तब मुख्य सड़क पर यदाकदा जल छिड़काव कर अपनी जिम्मेदारियों से इतिश्री कर लेते हैं किन्तु गाँव की गालियों में कभी भी जल का छिड़काव नहीं किया जाता पुरखों की भूमि देकर भी एसईसीएल कम्पनी का पेट नहीं भरा। उल्टे प्रदेषण की मार से दो चार होने विवश व लाचार कर रखा है। अनेकों अनेक बीमारियों का उपहार स्वरूप धूल डस्ट काला पानी गाँव के वृद्धजन बताते हें पहले गाँव घर के प्रत्येक कोला बाड़ी में सब्जियाँ उगाते थे। अब वर्षा बीत गए कोयले के डस्ट के कारण प्रदूष्षित हो चुके भूमि में काई भी मौसमी फल और सब्जियाँ लगाने से पौधे विकसित ही नहीं हो पाते।
[su_pullquote]एसईसीएल के अधिकारी और कामगार विभिन्न प्रदेशों से आकर फर्राटेदार बाईक चलाते हुए कालोनी बरघाट से बरौद खदान आवाजाही करते हैं। सैकड़ों कर्मचारियों की यही दिनचर्या होती है। अधिकारियों के जीप कार और कर्मचारियों के बाईक से भी धूलडस्ट उड़ती है। अब बारिश से कीचड़ और दलदल का सामना करने का समय आ रहा है।[/su_pullquote]
उधर टाªन्सपोर्टरों की खलिया और कोयला लदी भारी भरकम ट्रेलरों की आवाज और उड़ते हुए धूल डस्ट से हम अब हलाकान और परेशान हो उठे हैं। ट्रान्टपोर्टरों को इस गाँव से कोई लेना देना नहीं और न ही कोल व्यापारियों को उन्हें तो कोयले से लाखों की कमाई से ही मतलब होता है। ट्रक ड्राईवरों को अपनी नौकरी से यह सभी अपना लाभ के लिए कभी भी चक्का जाम कर अपना स्वार्थ सिद्ध करते देखे जा सकते हैं। जब मतलब सधा तो जाम हटा लेते हैं। इन सभी वर्गों के लोगों की नौटंकी वर्षों से ग्रामीण देख रहे हैं। इस प्रतिनिधि को ग्रामीणजन क्षुब्ध भाव से कहते हैं कि वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण तथा आने वाले समय में कीचड़ नियंत्रण के लिए हम सभी ग्रामीण यथाशीघ्र अनिश्चितकालीन कोल परिवहन ठप करेंगे।
[toggle title=”ग्रामीण राहगीरों को जाँम से परेशानीयाँ” state=”open”]कोयला लदान के लिए पाँच सौ से अधिक कोयला लदी भारी भरकम ट्रेलर के चालकों द्वारा आगे बढ़ने की होड़ में प्रति दिन खाली वाहनों के प्रवेश और निकासी के समय काँटाघर और खदान के मध्य मुख्य सड़क पर ही अवरामुड़ा गाँव स्थापित हैं। जाम में फँसे वाहनों की अव्यवस्थित व बेतरतीब अनियंत्रित कतारों के कारण ग्रामीणजन चाहे बरौद पंचायत के हो या अवरामुड़ा के हो रास्ता अवरूद्ध होने से ग्रामीण राहगीरों को सायकल सवारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ग्राम पंचायत बरौद के ग्रामीणों को अवरामुड़ा और काँटाघर के पास अक्सर जाम होने के कारण अट्ठारह कि0मी0 अतिरिक्त सफर करके पोरडी रूमकेरा और टेरम के रास्ते मुख्य सड़क जाना होता है। इन तमाम परेशानियों से एसईसीएल मैनेजमेंट के सेहत में कोई भी फर्क पड़ता दिखाई नहीं देता।[/toggle]